रायपुर. कांग्रेस नेताओं के घर पर ईडी की कार्रवाई पर सीएम बघेल ने हमलावर रुख इख्तियार किया है. सीएम बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, रमन सिंह जी और राजेश मूणत ईडी के प्रवक्ता बने हुए है. ईडी लगातार परेशान कर रही है. डरने की बात नहीं है, सीधी लड़ाई नहीं लड़ते हैं, तब इस प्रकार के हथकंडे अपनाए जाते हैं. छत्तीसगढ़ के मामले में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से डरी हुई है. इसलिए लगातार कांग्रेस के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है. अडानी को समझना चाहिए, केंद्र में छत्तीसगढ़ से दो पनौती गए हैं, जब से गए तब से देख लीजिए क्या स्थिति है.
मूणत जब छत्तीसगढ़ आए तब क्या था पुराना प्रिंटिंग प्रेस, पुरानी मोटरसाइकिल, अभी करोड़ों रुपए का इनकम कहां से आ गया? परिवार की शादी में करोड़ों फेंक रहे हैं. उनके यहां छापा क्यों नहीं पड़ता. जब आए तो कितनी संपत्ति थी ये पूरा रायपुर जानता है, उसके बाद ऐसा कौन सा काम कर लिया, कौन सा धंधा कर लिया जो उनकी आय इतनी बढ़ गई, वहां क्यों नहीं डालते छापा.
आगे सीएम बघेल ने कहा, सारे आवेदक पीड़ित पक्ष के द्वारा दिया गया है. केंद्र सरकार को भी हमने अवगत कराया है. केंद्र सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. न्यायालय की शरण में जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. हम मामले को न्यायालय तक ले जाएंगे.
आगे उन्होंने यह भी कहा कि, जो नियम है वह ग्रे एरिया है. सीधा कार्रवाई नहीं कर सकते. इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, क्योंकि वह लोग third-degree का प्रयोग कर रहे हैं. यदि प्रमाण है तो कार्रवाई करते. लेकिन 8 दिन तक रखेंगे, सोने नहीं देंगे, खाने को नहीं देंगे, पानी नहीं देंगे. किसी को पैरालिसिस अटैक आ रहा है. कोई साक्ष्य नहीं है, केवल बदनाम करना है, सरकार को भी बदनाम करना है, पार्टी को बदनाम करना.
कोल स्किम की घटना जून की है, जब जानकारी थी तो आप जुलाई-अगस्त सितंबर अक्टूबर-नवंबर के अंदर कार्रवाई करते लेकिन नहीं की. अधिवेशन के 4 दिन पहले कार्रवाई कर रहे हैं, इसका मतलब क्या होता है? जबरिया लिखवा रहे हैं, छापा डाल रहे हैं, पर छापा में मिला क्या? किसके यहां क्या मिला? स्पष्ट है कि राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अधिकार प्रयोग किया गया है. विधि सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए दबाव में नहीं. ईडी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई, खत्म होती जा रही है, ऐसी कार्रवाई क्यों कर रहे हैं. ईडी ने शपथ सविंधान की सुरक्षा की शपथ ली है. उसकी रक्षा नहीं कर पा रहे हैं, स्थिति बहुत ही भयावह है.
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