लखनऊ. यूपी विधानसभा में बुधवार को राज्य का बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 6.90 लाख करोड़ का बजट पेश किया. इसको लेकर बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए.
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘यूपी सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा. क्या इस अवास्तविक बजट से यहाँ की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए.’
बसपा प्रमुख ने कहा कि ‘यूपी भाजपा सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों व दावों को ध्यान में रखकर यहाँ महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी एवं करनी में अन्तर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों?’
उन्होंने कहा कि ‘यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आमचुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी. बजट ऊँट के मुँह में जीरा.
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मायावती ने कहा कि ‘लोगों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रति व्यक्ति आय में अपेक्षित वृद्धि, रोजगार व सरकारी भर्ती आदि तो दूर, उन पर कर्ज का बढ़ता बोझ सरकार की गलत नीतियों व प्राथमिकताओं का प्रमाण. कर्ज के बढ़ते बोझ से स्पष्ट है कि सरकार, दावों एवं प्रचारों के विपरीत, हर मोर्चे पर विफल हो रही है.
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