राजस्थान के हनुमानगढ़ क्षेत्र के परलिका गाँव में रहने वाले 31 वर्षीय अजय स्वामी को खेती के क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं था. उनके परिवार के पास दो बीघे से कुछ ज्यादा की जमीन थी. अजय ने बताया कि उसके पिता के निधन के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसके कंधे पर आ गई. एक सुबह उन्होंने अखबार में एलोवेरा के बारे में पढ़ा और तब उन्हें इसके उत्पादन के बारे में एक अद्भुत विचार आया. हालांकि उनके पास इसकी खेती आरंभ करने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं थे.

अजय को अपने एक रिश्तेदार से पता चला कि चुरू के एक गाँव के कब्रिस्तान में बहुत से एलोवेरा के पौधे हैं. उस गाँव में जब भी किसी की मृत्यु होती तो, उन्हें दफनाने के बाद वहाँ पर कोई न कोई पौधा लगा दिया जाता था. कब्रिस्तान में लोगों ने एलोवेरा के भी काफी पौधे लगाए थे और एलोवेरा खुद भी काफी फैलता है. गाँव के लोग एलोवेरा के इन पौधों को वहाँ से उखाड़ना चाहते थे, क्योंकि यह पूरे कब्रिस्तान में फैला हुआ था. अजय को जब इस बारे में पता चला था, वह अपने गाँव के एक-दो लोगों के साथ वहाँ ट्रैक्टर और ट्रॉली लेकर चले गए और एलोवेरा के पौधे को अपने खेतों में ले आए. Read More – Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah में जल्दी हो सकती है नई दयाबेन की एंट्री, जानिए कौन होंगी एक्ट्रेस …

दो साल नहीं बेचे से फसल, फिर खुद का व्यवसाय शुरू किया

उन्होंने बारमंडीसिस प्रजाति के एलोवेरा के इन पौधों को अपनी जमीन पर लगा दिया और इनकी देख-रेख करने लगे. दो सालों तक मैं कहीं भी इसे नहीं बेच पाया. मैंने सोचा कि अगर मैं ऐसे इसे नहीं बेच सकता तो इन पौधों का और क्या किया जा सकता है? एलोवेरा के उत्पाद तब बाज़ारों में आने लगे थे. मैंने देखा कि वह इससे जूस, क्रीम, साबुन सभी कुछ बना रहे हैं और इसलिए मैंने एक मिक्सर खरीदा और अपने खेत पर ही एक बोतल एलोवेरा का जूस बनाया,” अजय ने कहा. उन्होंने सामान्य पानी की बोतल में एलोवेरा का जूस भरकर बेचना शुरू किया. एक से दो, दो से चार, चार से दस बोतलें तैयार हुईं और ऐसे करते-करते उनका यह प्रोसेसिंग का काम जम गया. आज उनके पास लगभग 27 बीघा अपनी जमीन है और उनकी प्रोसेसिंग यूनिट से 45 से ज्यादा उत्पाद बन रहे हैं. सफल होने के बावजूद अजय ने अपने उत्पादों में नवाचार करना नहीं छोड़ा. वह बताते हैं कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान भी नए उत्पाद बनाने पर काम किया. Read More – अगर आप धूप से नहीं ले पा रहे हैं विटामिन D, तो ये आहार खाकर Body को दें पर्याप्त Vitamin D …

अजय एक बच्चे के रूप में एलोवेरा के लड्डू खाने को याद करते हैं और बताते हैं कि उन्होंने वह एलोवेरा से बने दो तरह के लड्डूओं को बाजार में बेच कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इन लड्डू की कीमत 350 से 400 रुपए प्रति किलोग्राम है. अजय के अनुसार उद्योग में हर किसान की सफलता की कुंजी नवाचार है. अजय ने अपनी पढ़ाई कक्षा 8वीं तक की है.