मुंबई। जब बीजेपी कांग्रेस के पास राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगने गई थी तो कांगेस ने साफ कर दिया कि बिना नाम बताए पार्टी इस पर बीजेपी को कैसे समर्थन दे सकती है. आखिर बीजेपी क्यों बिन नाम के समर्थन मांग रही है. सुत्रों की बात पर यकीन करें तो इस बात का खुलासा रविवार को हुआ जब बीजेपी शिवसेना के पास पहुंची.
सुत्रों के मुताबिक बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव का सर्वाधिकार पीएम मोदी को देना चाहती है. इस बात का प्रस्ताव जब शिवसेना के सामने रखा गया तो शिवसेना ने दो टूक मना कर दिया. शिवसेना ने बीजेपी को कह दिया कि इसके लिए कतई तैयार नहीं है.
सुबह हुई बैठक
रविवार सुबह 10 बजे के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ पहुंचे, जहां सवा घंटे तक उनकी बैठक चली. बैठक में शिवसेना प्रमुख अपने बेटे आदित्य समेत शरीक हुए, जबकि अमित शाह का साथ देने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष रावसाहब दानवे शामिल हुए.
पीएम को उम्मीदवार चुनने का एकाधिकार
बैठक में बीजेपी की तरफ से प्रस्ताव दिया गया कि राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार चुनने के सर्वाधिकार एनडीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए हैं. सो, शिवसेना भी इसका समर्थन करे. बीजेपी की कोशिश थी कि शिवसेना नामों को सुझाने के बजाय एनडीए का अनुशासन बनाए रखे.
सूत्र बता रहे हैं कि शिवसेना ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार किया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी अपने उम्मीदवार का नाम बिना बताए शिवसेना से समर्थन की अपेक्षा कैसे कर रही है. ठाकरे का तर्क है कि वह अपने तरफ से दो नामों की घोषणा कर चुके हैं, सो, बीजेपी को उन पर प्रतिक्रिया देनी होगी.
शिवसेना अपनी तरफ से बिना पूछे पहले सरसंघचालक मोहन भागवत और बाद में कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के नामों को आगे कर चुकी है.उद्धव ने कहा अगर नाम तय करना है तो एनडीए तय करेगा, केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं. ऐसे में बैठक ख़त्म कर चुपचाप बीजेपी नेता वहां से निकल लिए.