स्पोर्ट्स डेस्क. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए भारतीय पिच पर स्पिनरों को खेलना अनसुलझी पहेली बना हुआ है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) के तहत एक मार्च से खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच (Test Match) से पहले ऑस्ट्रेलिया (Australia) की टीम की इस समय बेहद कमजोर नजर आ रही है, क्योंकि इस टीम के कुछ शीर्ष खिलाड़ी चोटिल होने के कारण स्वेदश लौट गए हैं. नियमित कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) भी पारिवारिक कारणों से भारत वापस नहीं लौट रहे हैं. इस बीच इंदौर के होलकर स्टेडियम में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के रिकॉर्ड से ऑस्ट्रेलियाई खेमे में खलबली मच गई है. भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर अश्विन ने इस मैदान पर दो टेस्ट मैचों में कुल 18 विकेट चटकाए हैं.
होलकर स्टेडियम पर अश्विन का शानदार रिकॉर्ड रहा है. उन्होंने यहां अब तक 2 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 71.3 ओवर गेंदबाजी की. इस बीच वह 225 रन देकर 18 विकेट ले चुके हैं. उनका औसत 12.50 और इकॉनमी 3.14 की है. इसका मतलब है कि होल्कर स्टेडियम में अश्विन हर 13वीं गेंद पर एक विकेट चटकाते हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं. पहले दो टेस्ट में भी अश्विन-जडेजा की जोड़ी के आगे मेहमान टीम ने घुटने टेक दिए थे.
बता दें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेल गए नागपुर टेस्ट में अश्विन ने शानदार गेंदबाजी की थी. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 15.5 ओवर गेंदबाजी की और 42 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए थे. वहीं, दूसरी पारी में उन्होंने 12 ओवर में 34 रन देकर 2 विकेट झटके थे. दिल्ली टेस्ट में उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर 37 ओवर गेंदबाजी की थी और 6 विकेट चटकाए थे. भारतीय टीम अश्विन से इसी प्रदर्शन को दोहराते हुए देखना चाहेगी जबकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज चाहेंगे कि इस ऑफ स्पिनर को विकेट न दिया जाए.
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