जब भी भारत के शाही व्यंजन की बात आती है तो आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? शाही खाने की बात करें तो राजस्थानी व्यंजन सबसे पहले आते हैं. राजस्थान खाने का इतिहास हजारों साल पुराना है. दाल-बाटी-चूरमा राजस्थान प्रदेश का प्रमुख परम्परागत भोजन है, जिसका प्रारम्भ युद्धकाल की आवश्यकता के कारण हुआ. राजस्थानी क्लासिक खाना है दाल बाटी. वास्तव में, यह कहना गलत नहीं होगा कि दाल बाटी उन राजस्थानी व्यंजनों में से एक है जिससे सबसे ज्यादा जाना और पसंद किया जाता है.

मेवाड़ साम्राय के सैनिकों की देन है बाटी

इतिहासकारों के अनुसार, बाटी का पहला उल्लेख राजस्थान में मेवाड़ साम्राय के संस्थापक बप्पा रावल के समय में हुआ था. यह एक बेक्ड गेहूं का आटा है, जिसे बिना नमक के घी और दूध के साथ गूंधा जाता है. बात करें पुराने समय की तो उस समय बाटी युद्ध के समय का भोजन हुआ करता था- सैनिक आटे को टुकड़ों में काटते थे और धूप सेंकने के लिए रेत के नीचे छोड़ देते थे. जब वे वापस लौटते तो सैनिक पकी हुई बाटी को तोड़कर पंचमेल दाल में मिलाकर खाते थे. कुछ लोग केवल घी के साथ बाटी और ऊंटनी के दूध से बनी छाछ या दही खाते थे. Read More – देश के आकर्षक और लोकप्रिय शहरों में से एक है अमृतसर, यहां घूमने लायक है बहुत सी जगह …

दाल बाटी के लिए बाटी कैसे बनाएं

सबसे पहले आटा, सूजी, घी, नमक और दूध मिलाकर आटा गूंथ लें. इसे कुछ देर रेस्ट करने के लिए रख दें. अब इसकी फिलिंग तैयार करने के लिए घी, जीरा, हींग और अदरक लें, इन सभी चीजों को एक साथ भूनें कर उसमें मटर, धनिया, गरम मसाला, मिर्च पाउडर, नमक और अमचूर डालकर मिला लें. इसके बाद, आटे को गोल आकार दें, इसके बाद इसमें फिलिंग भर दें. अब इन बाटियों को ब्राउन और क्रस्टी होने तक बेक कर लीजिए. Read More – Ranbir Kapoor ने बेटी Raha Kapoor के नाम पर बनाई Will, इंटरव्यू में किया हैरान करने वाला खुलासा …

दाल बाटी के लिए पंचमेल दाल कैसे बनाएं : यह रेसिपी पांच तरह की दाल से तैयार की जाती है. इसके लिए आपको दाल को मसालों के साथ पकाना हैं और बाद में इसमें तड़का लगाना हैं.