जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई निर्णय लिए हैं। इस बैठक में आर्थिक, सामाजिक विकास, उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने, औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, राज्य कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के साथ संगठित अपराधों को नियंत्रित करने कई प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। बैठक में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर भी चर्चा हुई। मगर इसपर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

बता दें कि राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 को मंत्रीमंडल पास कर दिया है। अब इसे विधानसभा में लाया जाएगा। इस नए कानून के अनुसार ऐसे अपराधी शामिल हैं जिनके नाम से 10 सालों में न्यायालय में एक से अधिक आरोप पत्र पेश किए गए हैं। इसके अलावा संगठित गिरोह का कोई अपराधी जो 3 साल या अधिक समय से लिए सजा काट चुका हो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकेगी।

इतना ही नहीं इस विधेयक में पीड़ित की मृत्यु होने पर अपराधी को मृत्युदंड या अजीवन कारावास के साथ न्यूनतम एक लाख रुपए अर्थदंड देना होगा। अपराधियों को शरण देने के लिए कम से कम 5 साल की सजा या अजीवन कारावास की सजा हो सकती है। इस एक्ट में अन्य कई तरह के अपराध शामिल किए गए हैं।

मंत्री मंडल के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

  • राजस्थान राज्य वन और जलवायु परिवर्तन नीति को मंजूरी
    पर्यटन विभाग में पर्यटन अधिकारी एवं सहायक पर्यटन अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती के लिए राजस्थान अधीनस्थ सेवा में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन।
  • राजस्थान मत्स्य राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 2012 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन।
  • महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेन्स एंड सोशल साइंसेज विधेयक 2023 के प्रारूप का अनुमोदन।
  • बाड़मेर के गुड़ामालानी में क्षेत्रीय बाजरा अनुसंधान स्टेशन की स्थापना।
  • जोधपुर में स्थापित होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑफ थिंग्स इनोवशन हब।
  • जेके सीमेंट को जैसलमेर में किया गया 210 हेक्टेयर भूमि का आवंटन।
  • नावां में सरकारी भूमि पर बनेगी ब्रॉडगेज डेडिकेटेड रेल लाइन।
  • राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिक वर्गीय सेवा नियम,1999 में संशोधन।
  • भू-आवंटन नीति, 2015 में हुआ संशोधन।

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