चडीगढ़. पंजाब विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार से शुरु हो गया। विपक्षी दलों ने पंजाब संबंधी कई मुद्दों पर हंगामा किया। सत्र के दौरान अजनाला प्रकरण, मूसेवाला हत्याकांड, जेल में गैंगवार, खालिस्तान का मुद्दा, बिगड़ी कानून-व्यवस्था, सरकारी खजाने से प्रचार जैसे मुद्दे सदन में छाए रहे। इसके अलावा विपक्ष ने सत्तारूढ सरकार के भ्रष्टाचार के आरोपों में शामिल विधायकों एवं मंत्रियों पर कार्रवाई न होने के भी आरोप लगाए। मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत AAP के सभी 92 विधायक विधानसभा सदन में मौजूद रहे। अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने सदस्यों को नसीहत देते हुए कहा कि पंजाब की विधानसभा आदर्श है इसलिए सत्र के दौरान किसी तरह असंसदीय भाषा का प्रयोग न हो।

विपक्ष ने “मेरी सरकार” शब्द पर किया हंगामा

राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के अभिभाषण के दौरान उन्होंने जब सिंगापुर भेजे गए प्रिंसिपल्स के बारे में ज्रिक किया तो सदन में हंगामा हो गया। इसके अलावा राज्यपाल के “मेरी सरकार” शब्द के इस्तेमाल पर विपक्ष नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सवाल उठाए। बाजवा का कहना था कि आप “मेरी सरकार” शब्द का इस्तेमाल कर रहे हो पर ये सरकार तो आपको भी जानकारी नहीं देती है तो इस पर राज्यपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनके सवालों का जवाब दे देगी। इसके बावजूद भी बाजवा और अन्य कांग्रेसी विधायकों ने अपना हंगामा जारी रखा।

कांग्रेसी विधायकों द्वारा सदन में किया गया वॉकआउट

राज्यपाल ने विपक्षी दलों को समक्षाने की कोशिश करते हुए कहा कि आप लोग शांत हो कर बैठ जाए और उन्हें पूरा भाषण पढ़ लेने दें। वह बाद में भी सदन में अपना मुद्दा उठा सकते हैं। इसके बाद कांग्रेसी विधायकों द्वारा सदन में वॉकआउट कर दिया। बता दें कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री को सवाल किया था कि प्रिंसिपलों का चयन कैसे किया जा रहा है और इस ट्रेनिंग में कितना खर्च हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि वह 3 करोड़ लोगों को जवाबदेह है।

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