रायपुर- केरल में समय पूर्व मानसून आने की सूचना के बाद छत्तीसगढ़ का कृषि अमला सक्रिय हो गया है.मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 10 जून तक मानसून प्रवेश कर जायेगा.इसको देखते हुए कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को खरीफ सीजन की तैयारी तेज करने के निर्देश दिये हैं.बृजमोहन ने विभागीय कामकाज की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को चालू खरीफ मौसम के लिए खाद और बीज का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.उन्होनें कहा कि किसानों को सही समय पर कृषि आदान की आपूर्ति करने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं होनी चाहिए. कृषि मंत्री ने खरीफ फसलों के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों से खाद और बीज का अग्रिम उठाव करने किसानों को प्रोत्साहित करने अभियान चलाने के निर्देश दिए. बैठक में राज्य शासन के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त सुनील कुजूर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील सहित कृषि विभाग से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
अधिकारियों ने बताया कि इस साल खरीफ फसलों के लिए सात लाख मीटरिक टन खाद वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसकेे विरूद्ध वर्तमान में विभिन्न प्रकार की चार लाख मीटरिक टन खादों का भण्डारण किया जा चुका है.बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सिंगल लॉक में हमेशा खादों की उपलब्धता बनी रहनी चाहिए. डबल लॉक से सिंगल लॉक तक खादों की आपूर्ति लगातार होनी चाहिए. कृषि मंत्री ने बैठक में राज्य में जैविक खादों की खपत की जानकारी भी ली. उन्होेंने कहा कि प्रदेश के पांच जिलों तथा शेष 22 जिलों के एक-एक विकास खण्ड को पूर्ण जैविक खेती जिला और विकासखण्ड बनाने जैविक मिशन चल रहा है. इन जिलों और विकासखण्डों की सहकारी समितियों में जैविक खादों के विक्रय को बढ़ावा दिया जाए. अग्रवाल ने बैठक में विचार विमर्श के बाद इन जिलों और विकासखण्डों की समितियों में प्रमाणित जैविक खाद रखने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रमाणित जैविक खाद बेचने के लिए जरूरी व्यवस्था बनाने पांच सदस्यों की समिति बनाने के लिए भी निर्देशित किया.
बृजमोहन अग्रवाल ने खरीफ फसलों के लिए बीजों की उपलब्धता की समीक्षा भी बैठक में की. अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष आठ लाख क्विंटल बीज की मांग का अनुमान है. अभी चार लाख क्विंटल बीजों का भण्डारण किया जा चुका है.कृषि मंत्री ने धान के बीजों को छोड़कर ऐसे बीज जो बाहर से मंगाए जाते हैं, उनके उत्पादन के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य के बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में उच्चहन खेतों में खरीफ मौसम में अभी भी धान के अलावा अन्य फसलों की खेती होती है. इन क्षेत्रों में किसान कोदो-कुटकी, राई, रामतिल और कुल्थी की खेती करते हैं. इन फसलों केे उन्नत बीजों के उत्पादन के लिए प्रयास किए जाएं.
बृजमोहन अग्रवाल ने मछली पालन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान प्रदेश के सिंचाई जलाशयों में केज कल्चर से मछली पालन के लिए निजी मछली पालकों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए. अधिकारियों ने बताया कि इस 92 करोड़ मछली बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.मंत्री अग्रवाल ने अधिकारियों को मत्स्य सहकारी समितियों से संबंधित विभिन्न विवादों का एक निश्चित समय सीमा में निराकरण कराने शासन स्तर से पत्र भेजने के निर्देश दिए.उन्होनें इंदिरा गांधी कृृृृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आगामी शिक्षा सत्र से शुरू होने वाले 6 नये कृषि महाविद्यालयों के लिए सभी जरूरी तैयारियां करने के निर्देेश दिए. उन्होंने बीएससी कृषि में जैविक खेती के पाठ्यक्रम शुरू करने कहा.