नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा ने दलित कार्ड खेल दिया है। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद एनडीए से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में एक प्रेसवार्ता में इसकी घोषणा की है। भाजपा नेता रामनाथ कोविंद दलित परिवार से हैें और दो बार राज्य सभा सांसद रह चुके हैें और फिलहाल वे बिहार के राज्यपाल हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार तय करने को लेकर सोमवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक का एजेंडा अपनी पार्टी से ही राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के नाम को तय करना था।
1 घंटे तक चली बैठक के बाद उम्मीदवार का नाम तय किया गया, रामनाथ कोविंद के नाम पर मुहर सभी ने एक मत होकर मुहर लगा दी।
उधर इसके पहले वामनेता सीताराम येचुरी ने कहा था कि सत्तारुढ़ दल यदि मंगलवार तकअपने उम्मीदवार का नाम तय नहीं करता तो विपक्ष अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर देगी।
कौन हैं राम नाथ कोविंद ?
राम नाथ कोविंद का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले के तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था. कोविंद कोरी जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो उत्तर प्रदेश में अनुसुचित जाति के अंतर्गत आती है. वकालत की डिग्री लेने के बाद कोविंद ने दिल्ली उच्च न्यायालय ले वकालत की. वर्ष 1977 से 1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे हैं. 8 अगस्त को बिहार के राज्यपाल के पद पर उनकी नियुक्ति की गई थी. राम नाथ कोविंद ने वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी. वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वर्ष 2000 में उन्हें यूपी से ही दोबारा राज्यसभा भेजा गया. कोविंद लगातार 12 सालों तक राज्यसभा सांसद रहे. राम नाथ कोविंद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं. वह भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे। वर्ष १९८६ में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्युरो के महामंत्री भी रहे।