राजस्थान. अपनी शाही स्मारकों, महलों और किलों की आश्चर्यजनक वास्तुकला के लिए राजस्थान विश्वप्रसिद्ध है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं और यहां की खूबसूरती का आनंद लेते हैं. यहां के संग्रहालयों में स्वर्ण युग की झलक भी देखी जा सकती है, जो शाही राज्य के ऐतिहासिक आंकड़ों के सभी साक्ष्यों, लेखों और तथ्यों से भरे हुए हैं. इन संग्रहालयों में राजस्थान के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने वाले वस्तुओं, जीवन शैली, कपड़ों और कहानियों को रखा गया है. आइए आज राजस्थान के 5 प्रसिद्ध संग्रहालयों के बारे में जानते हैं. जब भी आप राजस्थान घूमने आएं तो यहां जरूर विजिट करें.
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय
जयपुर में स्थित अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को सरकारी केंद्रीय संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है. इस संग्रहालय में जयपुर के राजघरानों और जनजातियों के कलात्मक तथ्य, लोक कला, वेशभूषा और लकड़ी की नक्काशी शामिल है. यह संग्रहालय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है. इसका प्रवेश शुल्क 150 रुपये प्रति व्यक्ति है, लेकिन राजस्थान दिवस, विश्व विरासत दिवस, विश्व संग्रहालय दिवस और विश्व पर्यटन दिवस पर इसका प्रवेश निःशुल्क होता है.
अनोखी म्यूजियम ऑफ हैंड प्रिंटिंग
यह अनोखा संग्रहालय जयपुर स्थित आमेर किले के रास्ते में स्थित एक सुंदर हवेली जैसा है. इसमें हस्त निर्मित प्रदर्शनियों के अलावा विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता. यहां रोजाना पर्यटकों के लिए ब्लॉक नक्काशी और प्रिंट मेकिंग आदि से संबंधित विभिन्न वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई जाती है. यह संग्रहालय मंगलवार-शनिवार को सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है. रविवार को यह सुबह 11:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुलता है.
जयपुर मोम संग्रहालय
जयपुर मोम संग्रहालय नाहरगढ़ किले में स्थापित पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय है. इसमें कई प्रमुख हस्तियों की मोम और सिलिकॉन की प्रतिमाएं हैं. इस संग्रहालय में अमिताभ बच्चन, महात्मा गांधी, भगत सिंह, रवींद्रनाथ टैगोर, अल्बर्ट आइंस्टीन, माइकल जैक्सन, सवाई जय सिंह II, महारानी गायत्री देवी और कई देशी-विदेशी हस्तियों की प्रतिमाएं शामिल हैं. यह संग्रहालय रोजाना सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुला रहता है.
फतेह प्रकाश पैलेस संग्रहालय
फतेह प्रकाश पैलेस संग्रहालय चित्तौड़गढ़ किले में स्थित है. इसे खंडों में विभाजित किया गया है. जो बस्सी गांव के सिक्के, कला, हथियार, आदिवासी जीवन और लकड़ी के शिल्प जैसी विभिन्न प्राचीन वस्तुओं को समर्पित हैं. इस संग्रहालय में मूर्तियों का एक विशाल संग्रह है, जिसमें भगवान गणपति की मूर्ति शामिल है. इसे 8वीं-9वीं शताब्दी में बनाया गया था. यह संग्रहालय रोजाना सुबह 10:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक खुला रहता है.
जैसलमेर युद्ध संग्रहालय
जैसलमेर में स्थित इस संग्रहालय का उद्घाटन साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्ण जयंती स्मरणोत्सव पर हुआ था. यह संग्रहालय उन भारतीय सैनिकों को समर्पित है, जिन्होंने 1965 में भारत-पाक युद्ध और 1971 में लोंगेवाला युद्ध के दौरान राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. इस संग्रहालय में सुबह 9 से शाम 6:30 बजे तक जाया जा सकता है और यहां पर प्रवेश बिल्कुल मुफ्त है.
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