पंकज सिंह भदौरिया दंतेवाड़ा. जिले के गीदम ब्लाक का आश्रित ग्राम बुथपदर पारा में एक लोहार बुजुर्ग दंपत्ति सालों से टूटे मकान और तंगहाल जीवन यापन रहा था. बुथपदर ग्राम में 70 वर्षीय बुजुर्ग मनकू और सन्नी दोनों अकेले ही जीवन की लड़ाई लड़ रहे थे. लेकिन इसी बीच प्रशासनिक अमला खुद इनके पास पहुंचा और उनकी हर संभव मदद करने लगा.
मनकू के पास प्रशासन का दिया गया आवास तो था. लेकिन वह भी गिरने के कगार में खड़ा था. दोनों निसंतान है जिसकी वजह से उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें सहारा देने वाला कोई नहीं है. पूरे बुथपदर ग्राम में उनकी मदद के लिए कोई सामने नहीं आया. लेकिन इसी बीच प्रशासन अमला उनकी सुध लेने खुद ही उनके दरवाजे पर पहुंच गया.
कलेक्टर सौरभ कुमार ने बुजुर्ग के गांव वस्तु स्थिति जानने के लिए प्रशासनिक अमले की एक टीम भेजी. जिसमें डिप्टी कलेक्टर राम प्रसाद गीदम तहसीलदार दिव्या पोटाई के साथ नायाब तहसीलदार शामिल थे. जिन्होंने बुजुर्ग की टूटी झोपड़ी में पहुंचकर प्रशासनिक मदद की.
मकान की जर्जर हालत देखते हुए प्रारंभिक तौर पर दोनों बुजुर्ग को पास के ही एक शासकीय फारेस्ट क्वाटर में बकायदा गाड़ी में बैठाकर लाया गया. साथ ही नये मकान में दैनिक उपयोग की समस्त सामग्री कम्बल, कपड़ा, बर्तन, मच्छरदानी सब उपलब्ध करवाया गया. इन सब व्यवस्थाओं को देखकर बुजुर्ग दंपत्ति के चेहरे में मुस्कान छलक उठी.
डिप्टी कलेक्टर राम प्रसाद चौहान ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर टीम पहुंची हुई है. इन बुजुर्गों का जल्द नया मकान बनवाया जाएगा. और जितने भी शासकीय योजनाओं से दोनों वंचित है उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा.