प्यार-दुलार के साथ न्यूबोर्न बेबी के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी चीज होती है, वो है टीकाकरण यानी वैक्सीनेशन. पहले कुछ महीनों में टीका लगवाने के लिए शिशु को अस्पताल ले जाना पड़ता है. वैक्सीन लगवाने के बाद बच्चे को दर्द और बुखार होना आम बात है. बच्चे को तकलीफ में देखकर माता-पिता का दिल दुखता जरूर है, लेकिन वो ये बात भी जानते हैं कि शिशु के स्वास्थ्य के लिए वैक्सीनेशन बहुत जरूरी हैं. बच्चों को बीमारियों और इंफेक्शन से बचाव के लिए शिशु को टीका लगवाना बहुत जरूरी है.

कौन कौन से वैक्सीनेशन आवश्यक हैं

हेपेटाइटिस बी

जन्म के बाद शिशु को अस्पताल से घर ले जाने से पहले हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगवाना चाहिए. हेपेटाइटिस बी की बीमारी बच्चे के लिवर को धीरे धीरे नुकसान पहुंचा सकता है. डॉक्टर सभी ब’चों को हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं. Read More – होलिका दहन की रात हर समस्या का मिलता है हल, एक, तीन, पांच की संख्या में गोमतीचक्र का ऐसे करें उपाय …

रोटावायरस वैक्सीन

रोटावायरस बहुत ही संक्रामक वायरस है जिसके कारण नवजात शिशु को गंभीर रूप से दस्त हो सकते हैं. इसमें अक्सर उल्टी और बुखार होता है. अगल इसका इलाज न किया जाए तो गंभीर डिहाइड्रेशन हो सकता है और यहां तक कि बच्चे की मौत भी हो सकती है. इस वैक्सीन को दो या तीन डोज में दिया जाता है. पहली वैक्सीन पंद्रह सप्ताह के होने से पहले शिशु को देनी जरूरी होती है.

पोलियो वैक्सीन

ये टीका शिशु को पोलियो, कमजोरी और खतरनाक बीमारी से बचाता है. पोलियो से ग्रस्त बच्चे को पूरी जिंदगी नर्व डैमेज की वजह से अपंग रहना पड़ सकता है. यह टीका लगभग 99 प्रतिशत असरदार होता है. Read More – जल्द वेब सीरीज में नजर आएगी Priyanka Chahar Choudhary और Ankit Gupta की जोड़ी, लव इंट्रेस्ट का रोल प्ले करेगा ये कपल …

हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस ए एक एक्यूट लिवर डिजीज है जो कि हेपेटाइटिस की वजह से होती है. इस वायरस के लक्षण कई सप्ताह से महीनों तक रह सकता है. इसके लक्षणों में थकान, पेट दर्द, मतली और पीलिया शामिल है. छह से 18 महीने के बीच में बच्चे को इसके दो डोज दिए जाने चाहिए.

वैरिसेला वैक्सीन

बच्चों को चिकनपॉक्स से बचाने के लिए यह वैक्सीन दी जाती है. 12 से 18 महीने तक के सभी स्वस्थ बच्चों को चिकनपॉक्स वैक्सीन की दो डोज दी जानी चाहिए.