रायपुर/01 जून 2018। मूणत के कथित सीडी मामले में कांग्रेस ने फिर से विज्ञप्ति जारी कर सीबीआई पर हमला बोला है. प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पूछा है कि सीबीआई साहब से पूछताछ क्यों नहीं करती है ? साहब और आका से सीबीआई द्वारा सुरक्षित दूरी बनाए रखी गई है. यह सब सीबीआई द्वारा भाजपा सरकारों के निर्देशों पर भाजपा की राजनैतिक सहूलियत के लिये किया जा रहा है. विपक्ष से बदला भंजाने के लिए सीडी लहराने पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को पूछताछ के लिए तलब करने वाली सीबीआई सिर्फ और सिर्फ भाजपा की सरकारों की ओर से राजनैतिक प्रतिशोध के एजेंट की तरह काम कर रही है. अभी तक सीडी बनाने और सीडी बांटने में अहम भूमिका निभाने वाले किरदारों से कोई पूछताछ क्यों नहीं की गई है?

मूणत के कथित सीडी मामले के केंद्र में मौजूद “साहब” से कोई पूछताछ क्यों नहीं की गई? आईटी एक्ट के अंतर्गत किसी भी सेक्सुअली एक्सप्लिसिट एक्ट को दिखाने वाली सीडी को इलेक्ट्रॉनिकली डिस्ट्रीब्यूट करना वितरित करना अपराध है। पहले नकली और फिर असली कहकर दो-दो बार सीडी बांटने वालों से पूछताछ तो दूर जांच तक क्यों नहीं की जा रही है? इस राजनैतिक षड्यंत्र के निर्माताओं और निर्देशको पात्रों से कब पूछताछ करेगी सीबीआई? कथित सीडी दो बार बांटने का अपराध कारित करने वालों और जिन के निर्देशों पर यह अपराध कारित किया गया है, उनसे कम से कम सीबीआई की पूछताछ तो अब तक हो ही जानी चाहिये थी। अभी तक जांच भी क्यों नहीं की गई? इस मामले के एक अहम जानकारी रखने वाले एक किरदार ने प्रेस से बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “सब कुछ साहब को पता है”.  जिस साहब को सब कुछ पता है उसका नाम सीबीआई को पता है ही. सीबीआई साहब से क्यों नहीं पूछताछ करती? जब साहेब को पता है कि सीडी किसने बनाई और जब साहेब को यह भी पता है कि सीडी किसने खरीदी तो साहेब से इन सवालों को सीबीआई क्यों नहीं पूछ रही है? इन सवालों के सही जवाब तो छत्तीसगढ़ की जनता भी जानना चाहती है? सीबीआई कब साहेब से पूछेगी इन सवालों का जवाब? सीबीआई को साहेब से इन सवालों का जवाब पूछने से कौन रोक रहा है?

इस मामले में अहम जानकारी रखने वाले एक शख्स ने खुलेआम अपनी भूमिका से इनकार करते हुए कहा है कि साहब को सब कुछ पता है किसने सीडी बनाई? किसने सीडी को खरीदा है? जब साहब को सीडी बनाने वालों के नाम और खरीदने वालों का नाम पता है तो साहब को इसे बांटने वालों के नाम भी पता हैं। साहेब के विभाग के अधिकारियों सीडी बांटने का मामला सार्वजनिक रूप से उजागर हुआ है। साहब से सीबीआई को सीडी बांटने वालों के नाम पूछना चाहिए, ताकि उन पर इस मामले में कार्यवाही हो सके। इस मामले में एफआईआर भी तो बांटने वालों के ही खिलाफ लिखाई गयी है और अपराध भी उनके ही खिलाफ दर्ज है।