प्रदीप मालवीय, उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन से एक दुखद खबर सामने आई है. महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के पुरोहित मंगलेश शर्मा (Purohit Manglesh Sharma) के बेटे मयंक (Mayank) की साइलेंट अटैक (silent attack) आने से मौत हो गई. मयंक की मौत की खबर से पुजारी परिवार सहित उन्हें जानने वालों को बड़ा सदमा लगा है. गैर में उत्साहित मंयक का सभामंडप में तलवार घुमाते हुए वीडियो सामने आया है. मंयक की गैर के दौरान ही तबीयत बिगड़ी थी. मयंक रात करीब 10 बजे घर पहुंचा और सो गया. इसके बाद वापस नहीं उठा. इस असहनीय घटना की सूचना मिलने से पुजारी-पुरोहित परिवार और गुरू मंडली में शोक फैल गई है.
दरअसल रंगपचंमी (Rangpachanmi) के अवसर पर भगवान महाकाल के ध्वज चल समारोह की तैयारी मंदिर में शाम को चल रही थी. महाकाल मंदिर के पुरोहित मंगलेश गुरू का 17 वर्षीय पुत्र मंयक भी शाम करीब 5:30 बजे मंदिर पहुंच गया था. ध्वज पूजन के बाद गैर शुरू होने के पहले मंयक ने सभा मंडप में तलवार घूमाकर अपनी कलाबाजी का प्रदर्शन भी किया. इसके बाद वह गैर में शामिल हो गया.
बताया जा रहा है कि गैर के मंदिर से बाहर निकलते ही मंयक को कुछ घबराहट हुई थी. इसे सामान्य मानकर मंयक जूस पीकर फिर गैर में शामिल हो गया. गैर में मयंक ने कई स्थानों पर लट्ठ घुमाकर प्रदर्शन भी किया था. गैर के गुदरी चौराहे पर पहुंचने पर मंयक की तबीयत फिर बिगड़ी इसके बाद वह खत्रीवाड़ा स्थित निवास पर पहुंच गया. घर पहुंचने के बाद फिर मंयक सोया और नहीं उठ सका.
रात में ही यह दुःखद सूचना गुरू मंडली में फैल गई. जिसने यह दुःखद खबर सुनी यकीन ही नहीं हुआ. मंयक के दोस्त माधव शर्मा ने बताया मंयक दो बहनों में एकलौता भाई था. दोनों बहनों का लाड़ला मंयक अक्षत कान्वेंट स्कूल में कक्षा 10वीं का छात्र था. अचानक हुई इस घटना से महाकाल मंदिर के पुजारी, पुरोहित और मयंक के परिवार में गहरा शोक व्याप्त है.
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