पटना : बिहार के एक युवक को गूगल नौकरी दे रहा है. वो भी ऐसी-वैसी नहीं प्रोग्रामिंग की नौकरी मिल रही है. गूगल उसे सालाना एक करोड़ बीस लाख का पैकेज दे रहा है. इस युवक का नाम आदर्श कुमार है. आदर्श पटना की बुद्धा कॉलोनी का रहने वाला है. आदर्श आईआईटी रुड़की के मैकेनिकल ब्रांच के छात्र हैं. गूगल के इस जॉब को आर्दश अगस्त में ज्वाइन करेंगे.
आदर्श ने कहा कि क्लास तीन से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई बीडी पब्लिक स्कूल से ही की है. शुरू से उसकी रुचि मैथ में थी, लिहाजा जेईई दे दिया. जब रैंक जारी हुआ तो मुझे आईआईटी रुड़की में सीट मिली जहां मेरा नामांकन मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में हुआ. नामांकन तो मैकेनिकल में हुआ था, लेकिन मेरा इंटरेस्ट मैथ और प्रोग्रामिंग में बना रहा.
इसी का असर था कि मुझे बारहवीं के मैथ्स और केमेस्ट्री के पेपर में पूरे 100 अंक मिले थे. रुड़की में स्टडी के दौरान भी प्रोग्रामिंग करना जारी रखा. इंटरव्यू के दौरान गूगल द्वारा भी मुझसे प्रोग्रामिंग के ही सवाल पूछे गये. प्रोग्रामिंग कई तरह की होती है. मेरा इंटरेस्ट था तो मैं कंपीटिटिव प्रोग्रामिंग पर ज्यादा फोकस किया रहता था. कई ऐसे कंपीटिशन में हिस्सा लेता था जो प्रोग्रामिंग से ही ताल्लुक रखते थे.
इससे मुझे नयी-नयी जानकारी मिलती थी. जिससे मेरा ज्ञानवर्द्धन होता था. गूगल द्वारा पूछे गये इंटरव्यू में मेरा कंपीटिशन में हिस्सा लेना बहुत लाभदायक रहा. मेरा कैंपस सेलेक्शन कहीं और हुआ था. गूगल में मेरा ऑफ कैंपस सेलेक्शन है.
जब आईआईटी की तैयारी करता था तो वक्त पर नहीं बल्कि टॉपिक पर खुद को फोकस रखता था. जब तक टॉपिक हल नहीं होता था. उसमें लगा रहता था. चाहे उसमें आधा घंटा लगे या फिर दस घंटे. जुनून यही होता था कि टॉपिक को हल करना है. शायद उसी जुनून का असर है कि मुझे गूगल से यह ऑफर मिला है.
एसीएम-आईसीपीसी कॉम्पटिशन में भी उन्होंने हिस्सा लिया था. इसमें तीन लोगों की टीम शामिल थे और इसमें उनके साथ आईआईटी रुड़की के कंप्यूटर साइंस ब्रांच के दो और दोस्त शामिल थे. वह कहते हैं, इस कंपीटिशन में दुनिया भर की टीमें हिस्सा लेती हैं. कंपीटिशन में उनके अलावा देश से आठ और टीमों ने भी हिस्सा लिया था.
आदर्श के परिवार में कुल 4 सदस्य है. एक तो वो खुद, उनेक पिता वीरेंद्र शर्मा एडवोकेट हैं, वहीं मां अनीता शर्मा हाउसवाइफ हैं. जबकि छोटा भाई अमनदीप आईआईटी, पटना से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर रहा हैं.