रायपुर। मौजूदा दौर में सोशल मीडिया की उपयोगिता की वजह से उसके विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं लेकिन उसी सोशल मीडिया ने एक बार फिर दो बिछड़ों को आपस में मिला दिया. एक देश की सीमा पर कर दूसरे देश पहुंची महिला डेढ़ साल तक भटकती रही आखिरकार लोगों का प्रयास रंग लाया और महिला अपने परिजनों को मिल गई.

दरअसल नेपाल के सुंदर हरेचा नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 11 की रहने वाली रीता नाम की महिला का अपने पति जीवन कुमार धनवर चौधरी से डेढ़ साल पहले किसी बात को लेकर विवाद हुआ था. विवाद के बाद गुस्से में निकली रीता घर से भटक गई और भटकते रही. इसी बीच वह भारत पहुंच गई जहां 26 दिसंबर को दुर्ग में उसे भटकते हुए किसी ने देखा लेकिन हिन्दी सहित किसी भी भारतीय भाषा या दूसरी भाषा नहीं आने की वजह से इसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने रीता को सखी सेंटर भेज दिया. वहां से उसे रायपुर के खमारडीह स्थित नारी निकेतन भेज दिया गया. जिसके बाद से वह यहां रह रही थी.

सफेद रंग का कुर्ता पहने रीता, बाजू में उसका पति जीवन और नेपाल से आए अधिकारी

नारी निकेतन की प्रभारी जसबीर अरोरा ने बताया कि रीता नेपाली बोलती है. यहां आने पर उससे प्रायः रोज उसके घर का पता पूछा जाता था, लेकिन वह बता नहीं पाती थी. उन्होंने बताया कि रीता को उसके परिवार से मिलाने में सबसे बड़ा हाथ नारी निकेतन में पदस्थ कुक सीता थापा, देवीराम पुन और रुपक राय की है. नेपाल में बोली वाली बोली भी कुछ-कुछ किलोमीटर में बदल जाती है लिहाजा कोई भी उसकी बोली समझ नहीं पाता था. जिसकी वजह से नारी निकेतन की कुक सीता थापा ने रीता के संबंध में रायपुर विधानसभा में कार्य करने वाले अपने परिचित देवीराम पुन को बताया. पुन ने इसे राजधानी के एक होटल में शेफ का कार्य करने वाले अपने परिचित नेपाल के रुपक राय को बताया. रुपक ने रीता की फोटो और उसके संबंध में सारी जानकारी नेपाल में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को भेजा. जिसे उसके रिश्तेदार ने फेसबुक में अपलोड कर दिया.

रुपक राय, देवीराम पुन और सीता थापा

इस तरह नेपाल में फेसबुक में यह पोस्ट वायरल हो गई और एक दिन एक व्यक्ति ने रीता के पति जीवन को उस वायरल पोस्ट के बारे में बताया और उसकी फोटो दिखाई. जीवन ने अपनी पत्नी रीता की फोटो पहचान ली. लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी समस्या रायपुर आने की थी. जीवन पेशे से एक मजदूर है लिहाजा उसके लिए रायपुर से वापस अपनी पत्नी को लेकर जाना आर्थिक रुप से संभव नहीं था.

जीवन की सहायता वहां की सरकारी एजेंसी मेल मिलाप केन्द्र की सचिव कमला श्रेष्ठ मस्केय को पता चला तो उन्होंने रायपुर के नारी निकेतन संपर्क किया और रीता के संबंध में जानकारी ली. जिसके बाद वे संस्था के सचिव नेत्र प्रसाद खनाल और रीता के पति जीवन के साथ सोमवार को रायपुर पहुंचे. यहां पुहंचने के बाद उन्होंने सारी कागजी कार्रवाई पूरी की. इस दौरान नारी निकेतन में खुशियों का माहौल था. नारी निकेतन की प्रभारी जसबीर सहित सभी कर्मचारी रीता को सकुशल अपने परिवार के साथ जाते देखकर खुश थे.

उधर पति को पहुंचा देख रीता भी बेहत खुश थी उसने बताया कि पति उसके साथ मारपीट किया करता था जिसकी वजह से वह घर से निकली और फिर भटकते गई. वहीं पति जीवन ने दुबारा उसके साथ लड़ाई-झगड़ा न करने की कसम खाई. रीता के 3 बच्चे हैं जिसमें कि 2 लड़की और 1 लड़का है. कुछ साल पहले ही उसकी बड़ी लड़की की शादी हुई है. अब वह अपने बच्चों से जल्दी से जल्दी मिलना चाह रही है. हालांकि नेपाल पहुंचने में उन्हें अभी 2 से 3 दिन का और समय लगेगा.