संतोष राजपूत, शुजालपुर। शाजापुर जिले (Shajapur) के शुजालपुर (Shujalpur) के सरकारी अस्पताल (government hospital) में 15‌ मार्च को प्रसूता के परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ के साथ अभद्रता (misbehavior with nursing staff) की थी। यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है। शुक्रवार दोपहर पुलिस ने एफआईआर दर्ज न करने और 1 घंटे तक स्वास्थ्यकर्मियों को थाने पर इंतजार कराने से नाराज नर्सिंग स्टाफ ने अनिश्चितकाल हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

दरअसल, अकोदिया निवासी नागदा जिला उज्जैन की जच्चा अजमा बी पति शोएब खान को परिजन रोशनी पति रफीक खान और अन्य लोग प्रसव के लिए 14 मार्च को शुजालपुर सिटी सिविल अस्पताल ले गए थे। शाम करीब 5:32 बजे अजमा बी पति शोएब खान का महिला चिकित्सक ने उपचार शुरू कर दवाइयां दी। 15 मार्च को सुबह 9:40 बजे प्रसूता अजमा बी के परिजन रोशनी ने वार्ड में ड्यूटी कर रहे सभी नर्सिंग स्टाफ को गालियां देते हुए अभद्र व्यवहार किया। नर्सिंग स्टाफ की हेलन मनीषा मसीह, रूबी चौधरी, नीतू यादव, शिवानी देशमुख, करीना परिहार, मीरा अटल, शांता और किरण राठौड़ ने प्रसूता के परिजनों की आपत्तिजनक व्यवहार की शिकायत अस्पताल प्रभारी को लिखित में की।

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अभद्रता पर अस्पताल इंचार्ज ने दिया था नोटिस

जिस पर अस्पताल प्रभारी डॉ शारदा रामसरिया ने लिखित में मरीज के परिजन रोशनी पति रफीक खान को सूचना पत्र जारी करते हुए अभद्र व्यवहार को अनुचित बताते हुए ड्यूटी पर कार्यरत स्टाफ से माफी मांगने के लिए पत्र लिख चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि यदि माफी नहीं मांगी, तो पुलिस में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

माफी नहीं मांगी, इसलिए थाने पहुंचा मामला

सूचना पत्र के बाद भी अभद्रता करने वाले मरीज के परिजनों ने माफी नहीं मांगी। परिजन आज 17 मार्च को मरीज को जबरन डिस्चार्ज करा कर ले गए। जिससे नाराज नर्सिंग स्टाफ चिकित्सकों के साथ शुजालपुर सिटी पुलिस में पहुंचा और अभद्रता करने वाली महिला रोशनी पति रफीक खान के खिलाफ नियमानुसार प्रकरण दर्ज करने की बात कही।

थाना इंचार्ज बोले- साहब बाहर है, आएंगे तब FIR लिखेंगे

सिटी पुलिस थाना प्रभारी सौरभ शर्मा के सरकारी काम से 2 दिन के लिए शहर से बाहर होने का हवाला देते हुए थाने पर मौजूद उपनिरीक्षक विजय खत्री और अन्य ने स्वास्थ्यकर्मियों से लिखित में आवेदन देने का अनुरोध किया। पुलिसकर्मियों का कहना था कि घटना के 2 दिन बाद शिकायत की जा रही है, इसलिए पुलिस दोनों पक्ष की जांच करने के बाद ही एफआईआर दर्ज करेगी।

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थाने पर 1 घंटा कराया इंतजार, डॉक्टर्स नाराज

करीब 1 घंटे तक पुलिस प्रकरण दर्ज न होने के बाद नाराज होकर नर्सिंग स्टाफ के महिला सदस्य चिकित्सकों के साथ वापस अस्पताल परिसर लौट आए। महिला चिकित्सक डॉ आभा जैन, डॉक्टर प्रियंका कछारिया, डॉ शारदा रामसरिया, डॉ रविंद्र गुप्ता, डॉ एके सोनी सहित नर्सिंग स्टाफ के सदस्यों ने पुलिस के व्यवहार को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि शासकीय कर्मचारियों के साथ शासकीय सेवा के दौरान हुए दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज करने की बजाय पुलिस आवेदन मांग रही है, जो कि गलत है।

टीआई ने कहा- जांच के बाद करेंगे एफआईआर

इस मामले में पुलिस थाना प्रभारी सौरभ शर्मा ने बताया कि वह 2 दिन के लिए शासकीय कार्य से बाहर है और इस मामले की जानकारी मिलने पर समुचित जांच के लिए आवेदन देने का अनुरोध किया गया था। पुलिस कार्रवाई करने के लिए तत्पर है, लेकिन 2 दिन पुरानी घटना होने के कारण उचित जांच के बाद ही किसी भी महिला के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया जा सकेगा।

नर्सिंग स्टाफ करेगा सामूहिक काम बंद

वहीं इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। सरकारी अस्पताल में कार्यरत सभी नर्सिंग स्टाफ ने सामूहिक रूप से लिखित पत्र देते हुए अस्पताल प्रभारी को बताया है कि यदि नर्सिंग स्टाफ के साथ हुई अभद्रता के मामले में पुलिस प्रकरण दर्ज करने के साथ ही उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो नर्सिंग स्टाफ एक साथ सामूहिक रूप से काम बंद कर देगा।

परिजन ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोप

अभद्रता के बारे में नर्स हेलन मनीषा मसीह ने बताया कि अभद्रता करने वाले परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर रुपये मांगने की झूठी शिकायत 181 पर दर्ज करा कर वह अपने मरीज को बिना विधिवत डिस्चार्ज कराएं अस्पताल से लेकर चले गए। यदि इसी तरह नर्सिंग स्टाफ और महिला चिकित्सकों के साथ व्यवहार रहा तो अस्पताल में काम करना दूभर हो जाएगा।

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