लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों की हड़ताल के दूसरे दिन शनिवार को प्रदेश में हालात और बिगड़ गए. ग्रामीण इलाकों में लोगों को भीषण कटौती का सामना करना पड़ा. हड़ताल को लेकर सरकार ने और सख्ती दिखाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद स्थिति की समीक्षा की. साथ ही आपूर्ति में बाधा डालने वाले और अराजकता पैदा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का निर्देश दिए.
पावर कॉरपोरेशन ने 16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया गया है. तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. 22 कर्मचारी नेता समेत कुल 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. सात मैनपावर एजेंसी के प्रबंधकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
वहीं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि सभी पदाधिकारी लखनऊ में मौजूद हैं. सरकार गिरफ्तार करे. कॉरपोरेशन प्रदेश भर में 18 से 24 घंटे आपूर्ति का दावा कर रहा है. ऊर्जा मंत्री के साथ संघर्ष समिति के नेताओं की शनिवार रात करीब 10 बजे बैठक हुई. घंटेभर हुई बातचीत में कर्मचारी नेताओं ने सभी मांगों को माने जाने और दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की. ऊर्जा मंत्री ने तत्काल मांगें माने जाने पर असमर्थता जताई.
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