रायपुर. प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में गड़बड़ी किए जाने के खिलाफ एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उस अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर को जांच का आदेश दिया है. रतनपुर थाना क्षेत्र के गढ़वट निवासी तीजराम सूर्या ने प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत हितग्राहियों को मिलने वाली राशि में गड़बड़ी किए जाने की कलेक्टर से शिकायत की थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
याचिका में कहा गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ शासन की सर्वे सूची के अनुसार हितग्राहियों को पक्का मकान देने के लिए राशि दी जा रही है. इसके लिए जिला पंचायत द्वारा आवास मित्र की नियुक्ति की गई है. जिसमें कहा गया कि हितग्राहियों के बैंक खाते में रकम जमा करनी है.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अधिकारी मिलीभगत कर हितग्राहियों से बैंक में जमा रकम निकालने पावर ऑफ अटार्नी लिया गया है. इसमें हितग्राही की जानकारी के बिना निर्माण सामग्री खरीदी कर सीधे उनके खाते से राशि निकाल ली जा रही है. इस वजह से कई हितग्राहियों के मकान अब तक नहीं बने है. इसके साथ ही राशि भी निकाल लिया जा रहा है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में 2017 में कलेक्टर बिलासपुर को शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच कर तीन माह के अंदर कार्रवाई करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दाखिल की है. अवमानना याचिका में हाईकोर्ट ने कलेक्टर बिलासपुर को शिकायत की जांच कर तीन माह के अंदर कार्रवाई करने का एक और अवसर दिया है.