रायपुर. विधानसभा में आज बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने बोधघाट परियोजना पर व्यय का मामला उठाया. उन्होंने पूछा कि बोधघाट परियोजना का काम शुरू होगा की नहीं, अगर होगा तो कब? नहीं होगा तो क्यों नहीं? इस प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, बोधघाट वृहद परियोजना का सर्वेक्षण अनुसंधान कार्य प्रगति पर है. निर्माण कार्य प्रारंभ करने की तिथि अभी बताना संभव नहीं है.

बृजमोहन ने पूछा, क्या पर्यावरणीय स्वीकृति मिल गई है? इस पर मंत्री चौबे ने कहा, पहले हाइड्रो पावर के लिए स्वीकृति मिल चुकी है. मंत्री ने बताया कि बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण एवं अनुसंधान तथा भारत सरकार के वैधानिक अनुमति प्राप्त करने का कार्य वाप्कोस लिमिटेड, गुरुग्राम को दिया गया है. जल संसाधन विभाग द्वारा उक्त एजेंसी को पूर्व में सर्वे का कार्य नहीं दिया गया है. एजेंसी के किसी अन्य राज्य में ब्लैक लिस्टेड होने की जानकारी शासन को नहीं है. बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण पर आज तक 12 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च किया जा चुका है.

बृजमोहन ने कहा, इस कंपनी को 41 करोड़ का काम बिना टेंडर का क्यों दे दिया गया? यह कंपनी मध्यप्रदेश में नल जल योजना में ब्लैक लिस्टेड है. यह सेंट्रल गवर्नमेंट की कंपनी नहीं है. यह केवल इंपैनल है. इस पर मंत्री ने कहा, यह सरकार की मिनी नवरतन कंपनी में शामिल है. मध्यप्रदेश में ब्लैक लिस्टेड होने की जानकारी नहीं है.

बृजमोहन ने कहा, ब्लैक लिस्टेड कंपनी को 41 करोड़ में से 12 करोड़ भुगतान कर दिया गया है, जो सर्वे का काम 1980 में हो चुका है. इसकी जांच करेंगे क्या ? मंत्री ने कहा, पहले भी पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने विभिन्न कामों के लिए 5-5 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुके हैं. इसमें कोई जांच की जरूरत नहीं है.