अनिल सक्सेना, रायसेन/अमित पांडेय, सीधी। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। रायसेन जिले (Raisen District) में हुई ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने के चलते सदमे में एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसकी सूचना मिलने पर कलेक्टर किसान के घर पहुंचे और परिजनों को मदद करने का आश्वासन दिया। इधर, सीधी जिले (Sidhi District) में बारिश और ओलावृष्टि का सिलसिला जारी है। जिले में मंगलवार को बारिश के साथ जमकर ओले गिरे।

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जानकारी के अनुसार जिले के सिलवानी तहसील के ग्राम पहेरिया में ओलावृष्टि से एक किसान की करीब 8 एकड़ की गेंहू, चना की फसल बर्बाद होने की खबर किसान को लगी तो उसे सदमा लग गया। देर रात हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई। किसान की मौत की जानकारी मिलते ही कलेक्टर अरविंद दुबे ने किसान के घर पहुंचकर परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बंहोरी सर्किल के ग्राम पहेरिया में हरप्रसाद लोधी पिता हल्का लोधी उम्र 60 साल की 8 एकड़ में गेंहू और चना फसल थी जो कि पूरी तरह नष्ट होने की खबर उनके पुत्र ने दी। वह सदमे में आकर और सो गया। जिसके बाद वह सुबह नहीं उठा।

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मृतक किसान

बेमौसम बारिश ओलावृष्टि से भारी नुकसान

रायसेन जिले की कई तहसील में बीते पांच दिन से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। जहां बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का दौर पांचवे दिन भी जारी रहा। बेगमगंज तहसील के गांव सुनवाहा, गुलबाड़ा, गोरखी, पिपलिया खुर्द, बख्शी खमरिया कला, बील खेड़ा, बिछुआ जागीर समेत अन्य ग्रामों में शाम करीब चार बजे अचानक मौसम बदला और बारिश होने लगी। बेर के आकार के ओले गिरने से मोतियों जैसी चादर नजर आने से मेहनत पर पानी फिरता देख किसानों की आंखों से आंसू टपकने लगे।

शहर में भी रविवार की रात में तेज बारिश हुई थी और देर तक पानी बरसता रहा। बेमौसम की इस बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। बीते चार दिनों से हो रही बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े पैमान पर नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार ने फसलों के नुकसान का सर्वे कराने का निर्देश दिया है। सर्वे शुरू भी हो गया है, लेकिन अभी कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है।

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तहसील में 26 ग्रामों में ओलावृष्टि की जानकारी मिलने पर वहां पर सर्वे कराया गया है। किसानों ने बताया कि कर्ज लेकर खेती की थी। चने और गेंहू की फसल पकी हुई है। कटाई करने ही वाले थे। ऐसे ही बारिश और ओलावृष्टि होती रही तो फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी अभी भी 50 फीसद से अधिक गेहूं की बालियां और चने की घेंटियां झड़ गई हैं। हर दिन हो रही तेज बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खून पसीने की मेहनत को एक ही झटके में बर्बाद होता देख किसानों की आंखों में बार-बार आंसुओं की झड़ी लग रही है।

दलहनी फसल बर्बाद

इधर प्रदेश के सीधी जिले में आज बारिश के साथ जमकर ओले पड़े। रामपुर नैकिन, चुरहट सहित सीधी मुख्यालय में ओलावृष्टि इस ओलावृष्टि से रामपुर, चुरहट और आसपास के गांव के खेती में लगे दलहनी फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

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