राम कुमार यादव, सरगुजा. आपने फिल्मों में और टीवी पर ऐसे कहानी देखी होगी जिश्मे जिंदा आदमी को सरकारी दस्तावेजों में मरा घोषित कर दिया जाता है और आदमी खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों का चक्कर लगाता है. ऐसा ही मामला सरगुजा में भी देखने को मिला है. जहां 87 साल का बुजुर्ग अपने जिंदा होने का सबूत देने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर है.

बता दें कि, सरगुजा के वृद्ध गेदरू एक्का अपने जीवित होने का सबूत पिछले 4 सालों से दफ्तरों के चक्कर लगाते हुए देते आ रहे हैं. बावजूद इसके आज तक जीवित होने का सबूत नहीं मिल सका है. जिसकी वजह से पिछले 4 सालों से बुजुर्ग व्यक्ति को पेंशन नहीं मिलने से वे आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, लुंड्रा विकासखंड के ग्राम रघुनाथपुर के रहने वाले गेदरू एक्का को वृद्धा पेंशन की राशि पिछले 2018 तक दिया गया. वहीं कई दिनों बाद जब गेदरू एक्का अपनी पेंशन की राशि लेने बैंक गए तब बैंक वालों ने खाते में पैसे नहीं आने की सूचना दी. जिसके बाद वे जनपद कार्यालय पहुंचे. जहां पेंशन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि, आपकी मृत्यु होने की जानकारी पंचायत से मिली थी. इस कारण पेंशन नहीं दी जा रही है. जिसके बाद बुजुर्ग अपने जीवित होने का सबूत देने सरगुजा कलेक्ट्रेट परिसर जनदर्शन में शिकायत करने पहुंचे. इधर अधिकारियों ने कहा कि, संबंधित अधिकारियों को मामले की जानकारी दी जाएगी. जिसके बाद जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.