देवेंद्र चौधरी ,मंडला। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मंडला (mandla) जिले की पहचान सरकारी रिकॉर्ड में आदिवासी बाहुल्य जिले के तौर पर की जाती है। लेकिन इसकी एक और पहचान है, और वो है अभाव ग्रस्त क्षेत्र की। भले ही प्रदेश विकास का फर्राटा भरने की बात कहता हो। लेकिन इसी मध्यप्रदेश के मंडला में दूर तक नजर डालने पर भी विकास क्या है ये नज़र नहीं आता। ये हम नहीं कह रहे है, बल्कि यहां से निकलकर आई तस्वीरें यहां की हकीकत बयां कर रही हैं। जबकि इस जिले से केंद्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते आते है। 2019 के चुनावों में वे मध्य प्रदेश के मण्डला से निर्वाचित हुए है। अभी केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी की सरकार है। बावजूद यहां का ये हाल है.
दरअसल जिले के कटंगसिवनी ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम मवईमाल गांव में एक महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। जिसके बाद परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को सूचना दी। एम्बुलेंस अपने गंतव्य के लिए रवाना भी हो गई। लेकिन निवास स्वास्थ्य केंद्र से 12 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मवईमाल से आधा किलोमीटर पहले इसके पहिए थम गए। इसकी वजह थी सड़क, जो यहां कभी बनी ही नहीं। इधर विकास के दावे हवा हुए तो उधर प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला की नाजुक हालत को देखते हुए गांव की महिलाओं ने अपने कंधे के सहारे आधे किलोमीटर का सफर तय कर गर्भवती महिला को किसी तरह एंबुलेंस तक पहुंचाया।
महिला को अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निवास में भर्ती करा दिया गया है। विकास की दावों की बीच गांव की ये तस्वीर तब है, जब हल्की फुल्की बारिश हुई है। अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि झमाझम बारिश होने के बाद इस गांव का क्या हाल होता होगा। लेकिन इसके बावजूद सड़क से गांव की तस्वीर बदल देने के दावे करने वालों की नजर में ये गांव शायद है ही नहीं।
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