भोपाल। आज यानि 23 मार्च 2023 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के चौथे कार्यकाल का 3 साल पूरा हो गया है। जिसे लोक कल्याण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं इतनी कारगर साबित हुई हैं कि उसे किसी ब्रांडिंग की आवश्यकता नहीं हुई। शिवराज सरकार ने राज्य के सभी वर्गों के साथ ही साथ किसान, युवा और आदिवासी समुदायों के हितों पर प्राथमिकता के साथ काम किया है। सरकार की सर्वधर्म हितकारी योजनाओं ने उनकी विश्वसनीयता और लोकप्रियता को कम होने नहीं दिया है। मध्य प्रदेश में सरकार सामाजिक संगठनों और जन- जन की मदद से नशा मुक्ति अभियान चलाने जा रही है, जिसका जन हितकारी परिणाम देखने जैसा होगा।
डेढ़ साल में कमलनाथ सरकार गिरी, शिवराज की फिर हुई वापसी
दरअसल डेढ़ दशक से मप्र की सत्ता में जमी जकड़ी भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हटाकर प्रदेश की कमान कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने अपने हाथों में ली थी, लेकिन कांग्रेस की अंदरुनी कलह की वजह से कमलनाथ महज डेढ़ साल ही सत्ता का सुख भोग सके थे। बीजेपी ने उन्हें कुर्सी से हटाकर फिर से सत्ता अपने नाम की थी। मप्र की सत्ता में 23 मार्च 2020 को भारतीय जनता पार्टी की सरकार फिर से अस्तित्व में आई। शिवराज सिंह चौहान फिर सीएम बने थे।
‘मामा’ से सख्त सीएम’ कैसे बने शिवराज
अपनी ‘मामा’ वाली छवि के विपरीत अब शिवराज ‘सख्त मुख्यमंत्री’ वाली छवि बनी। इस बारे में शिवराज ने कहा था कि ‘सज्जनों के लिए फूल से कोमल और दुष्टों के लिए दुर्जन इसी ध्येय के साथ इस बार काम करना है। मैंने जब पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब चंबल में डकैतों का राज था। मैंने तभी ठान लिया था कि MP में या तो डकैत रहेंगे या फिर मैं और आप देखिए हमने उनका सफाया किया। अभी हम माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और हजारों करोड़ रुपए की जमीनों पर से अतिक्रमण को हमने हटाया है. सरकारें किसी की भी हो, ये माफिया सेटिंग कर लेते थे लेकिन अब जैसे ही मेरी जानकारी में मामला सामने आया तो कार्रवाई हो रही है. अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चल रहा है।
चलिए जानते हैं 3 साल में क्या कुछ हुआ ?
शिवराज सरकार की पहल पर राज्य के करोड़ों असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना प्रारंभ की गई है। अपनी सत्ता गंवा कर फिर से सत्ता में वापसी के बाद उन्होंने कई सबक लिए, जो अब उनकी कार्यप्रणाली और नीतियों में साफ झलक रही है। पूरे गर्व और आत्मविश्वास से वो 2023 में जनता के सामने अपनी 3 साल की उपलब्धियां रख रहे हैं। वर्ष 2006 से आरंभ होने वाली ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’ शिवराज सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो आज भी कारगर बनी हुई है।
मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना का अनुसरण पूरे देश भर में किया गया। जन्म से लेकर डिग्री पूरी करने तक लाडली लक्ष्मी योजना में शामिल है। योजना के कारण सेक्स रेशियो में भी बढ़ोतरी हुई है। देश में बेटियों की संख्या बढ़ रही है। अब महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण की योजनाएं बनाने की जरूरत है, इसीलिए स्थानीय निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया। सरकार ने पुलिस विभाग में भी 30 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया है। लाडली बहना योजना के तहत पात्र महिलाओं के खाते में 1000 रुपए 10 जून को डालना शुरू कर दिया जाएगा। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सरकार एक हजार करोड़ रुपए भरेगी, 12वीं क्लास में प्रथम आने वाली स्कूल की छात्रा को स्कूटी दी जाएगी।
- आम आदमी के जीवन से जुड़े तमाम सरोकारों को जिस संजीगदी के साथ मध्य प्रदेश में संवारा गया है, उसकी चर्चा आज दूर तक है।
- इंदौर की 56 दुकान की चर्चा आज देश-विदेश में भी होती है।
- पर्यावरण संरक्षण के मद्दे नज़र मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीकी से 12 और चीते लाए की जाने पर विचार किया जा रहा है।
- राज्य के मुखिया ने 2023 के इस चुनावी वर्ष में सिर्फ युवा, आदिवासी और महिलाओं पर फोकस किया है।
- टंट्या मामा कल्याण योजना मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति योजना जैसी कई योजनाएं संचालित की जा रही है। टंट्या मामा अंग्रेजों के जमाने में लड़ाई लड़ी। आदिवासियों के लिए काम करते थे भगवान बिरसा मुंडा जैसे कई आदिवासी वहां नायकों ने काम किया है।
- किसी भी धर्म के वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य सरकार के खर्च पर उनके पसंद के धार्मिक स्थानों का दौरा करने के सुविधा प्रदान करने वाली शिवराज सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना एक अनूठी योजना है जिसने सबका दिल जीता है।
- उज्जैन में महाकाल लोक की सौगात मिली। 900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल लोक कॉरिडोर (Shri Mahakal Lok Corridor) पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है। महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना 856 करोड़ रुपये की है और राज्य की राजधानी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है।
- राज्य के नागरिकों को निर्धारित समय के भीतर बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं के प्रदान की गारंटी देने वाली लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 से आम जन संतुष्ट और प्रसन्न हैं।
- बिजली और पानी के लिए 13000 करोड़ रुपए का किसानों के लिए प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश में किसान कल्याण योजना किसानों के लिए आस की एक नई किरण बन कर आया है।
- गोविंदपुरा में ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। उसमें 13000 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
- 30 जनवरी 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक शानदार समारोह में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पांचवें संस्करण का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने राज्य की राजधानी भोपाल में तात्या टोपे स्टेडियम में खेलों के उद्घाटन की घोषणा की।
- चौथी बार सत्ता संभालने के एक सप्ताह के भीतर फसल बीमा के दो हजार 200 करोड़ रुपए का प्रीमियम जमा किया।
- तीन साल में 16 हजार 200 करोड़ रुपए का बीमा मिला।
- प्रतिवर्ष 30 लाख से अधिक किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जा रहा है।
- प्राकृतिक आपदा से 25 प्रतिशत फसल के प्रभावित होने पर भी राहत। 50 प्रतिशत नुकसान को सौ प्रतिशत क्षति मानने का निर्णय लिया। 35 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर राहत का ऐलान।
- प्रदेश में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय एक लाख 40 हजार रुपए प्रतिवर्ष हो गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में हमारा योगदान 4.6 प्रतिशत हो गया है।
- एक लाख 24 हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
- कोरोनाकाल की विपरीत परिस्थतियों में असाधारण काम किया।
- 2023 में भोपाल-इंदौर में मेट्रो दौड़ाने की तैयारी।
- सिंचाई का क्षेत्र साढ़े 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 45 लाख हेक्टेयर हुआ। अब इसे 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
- प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों की संख्या बढ़कर 25 हुई।
- प्रदेश में पहली बार सीएम राइज स्कूल खोलकर उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं उपलब्ध।
- मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू हुई। हिंदी माध्यम से पढ़कर आने वाले विद्यार्थियों के लिए सीटें आरक्षित करने पर मंथन और आधी आबादी के लिए लाड़ली बहना योजना लागू की गई।
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