नई दिल्ली . देश ने बुधवार को 6जी के परीक्षण की ओर अपना कदम बढ़ा दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के क्षेत्रीय कार्यालय और परीक्षण केंद्र का शुभारंभ किया. उन्होंने 6जी दृष्टि पत्र का भी अनावरण किया. साथ ही 6जी शोध और परीक्षण सुविधा (टेस्ट बेड) की शुरुआत की.

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश डिजिटल क्रांति की दिशा में अगले कदम की ओर बढ़ रहा है और भारत का डिजिटल मॉडल सुचारू, सुरक्षित, पारदर्शी, विश्वसनीय और जांचा परखा हुआ है. उन्होंने कहा कि यह दशक भारत का टेक-ऐड है.

क्या है 6जी टेस्टबेड 6जी टेस्टबेड खास तौर पर 6जी के लिए नई प्रौद्योगिकी और अनुसंधान विकास के लिए तैयार किया गया मंच है. आसान भाषा में कहें तो 6जी टेस्टबेड एक प्लेटफॉर्म की तरह है, जहां इसका हर प्रकार से परीक्षण और शोध होगा. यह नई तकनीक को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराने से पहले परखने का मंच है.

भारत 5जी की ताकत से पूरी दुनिया की कार्य संस्कृति को बदलने के लिए कई देशों के साथ काम कर रहा है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ये 100 नई लैब भारत की अनूठी जरूरतों के हिसाब से 5जी एप्लिकेशन विकसित करने में मदद करेंगी. 5जी स्मार्ट क्लासरूम हो, खेती हो, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम हो या हेल्थकेयर एप्लिकेशन, भारत हर दिशा में तेजी से काम कर रहा है.

यह देखते हुए कि भारत के 5जी स्टैंडर्ड्स वैश्विक 5जी सिस्टम का हिस्सा हैं, उन्होंने कहा कि भारत भविष्य की तकनीकों के मानकीकरण के लिए आईटीयू के साथ मिलकर काम करेगा. उन्होंने कहा कि नया भारतीय आईटीयू क्षेत्र कार्यालय 6जी के लिए सही वातावरण बनाने में भी मदद करेगा.

मोदी ने कहा कि भारत उन देशों में से एक है, जिसने सबसे तेज गति से 5जी मोबाइल प्रौद्योगिकी शुरू की है. 5जी शुरू होने के 120 दिनों के भीतर सेवाओं का विस्तार 125 शहरों में किया गया है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले दिनों में भारत 100 नई 5जी प्रयोगशालाओं की स्थापना करेगा.