रायपुर- अमित शाह के दौरे के बाद संगठन की नब्ज को दुरूस्त बनाए रखने के इरादे से बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश तीन दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं. ….वी.सतीश अपने तीन दिनों के प्रवास के दौरान बूथ से लेकर कोरग्रुप तक की बैठक लेंगे. चुनावी नजरिए से संगठन के कामकाज की समीक्षा करेंगे. दरअसल बीजेपी संगठन ने राष्ट्रीय सह संगठन मंत्रियों के मौजूदा प्रभार के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी दौरा करना सुनिश्चित किया था. संगठन के इस कार्यक्रम के तहत ही इससे पहले बी एल संतोष छत्तीसगढ़ प्रवास पर आ चुके हैं.
बताया जा रहा है कि तीन दिवसीय दौरे के दौरान वी.सतीश संगठनात्मक कामकाज की समीक्षा करेंगे. दौरे के पहले दिन वी.सतीश योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. 11 बजे कवर्धा के लिए रवाना होंगे, जहां जिला कार्यसमिति की बैठक लेकर संगठन के कामकाज को परखेंगे. शाम 4.30 बजे से 6 बजे तक धरसींवा मंडल कार्यसमिति की बैठक लेंगे. इसके ठीक बाद शाम 7.30 बजे से 8.30 बजे धरसींवा बूथ की बैठक लेंगे.
दौरे के दूसरे दिन 22 जून को वी.सतीश सुबह 6 बजे से 8 बजे तक संघ कार्यालय में संघ प्रचारकों से मिलकर सत्ता और संगठन की फीडबैक लेंगे. 11 बजे से 12.30 बजे तक प्रदेश कार्यालय में मोर्चा अध्यक्ष और महामंत्रियों की बैठक लेंगे. दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक प्रदेश प्रकोष्ठ के संयोजक और सह संयोजक की बैठक होगी. इसके बाद वी सतीश 3 बजे से 4.30 बजे तक प्रदेश पदाधिकारियों, जिला संगठन प्रभारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक लेंगे.शाम 5 से 6 बजे तक कार्यालय परिवार के साथ उनकी बैठक होगी.
अपने दौरे के तीसरे और अंतिम दिन वी.सतीश साढ़े 9 बजे से 11 बजे तक डाॅ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसके बाद 11 बजे जंगल सफारी, हमर छत्तीसगढ़ अभियान औऱ सत्यसाईं अस्पताल का जायजा लेने जाएंगे. दौरे की अंतिम बैठक आईटी सेल की होगी. आईटी सेल संगठनात्मक गतिविधियों को किस तरह निचले स्तर तक ले जाने में प्रयासरत हैं, इसकी समीक्षा की जाएगी.
शाह के दौरे के बाद महत्वपूर्ण दौरा
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के बाद वी.सतीश का ये दौरा संगठन की समीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल बीजेपी के आला पदाधिकारी ये बताते हैं कि राष्ट्रीय सह संगठन मंत्रियों के दौरे से संगठन की पूरी समीक्षा हो जाती है. संगठन की मौजूदा स्थिति क्या है,संगठन के भीतर नाराजगी किस वर्ग में और क्यों हैं. नाराजगी को दूर करने क्या कदम उठाए जा सकते हैं, बूथ संरचना को कैसे मजबूती दी जा सकती है, सत्ता और संगठन में तालमेल कैसे मजबूत किया जा सकता है, बूथ से लेकर कोरग्रुप पदाधिकारियों तक की जिम्मेदारी और जिम्मेदारियों का बेहतर क्रियान्वय कैसा हो…इन तमाम पहलूओं पर चर्चा होती है.