Rajasthan News: तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आलोक त्रिपाठी को थप्पड़ मारने के मामले में 22 साल बाद बड़ा फैसला आया है। पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने शुक्रवार को केकड़ी के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को 3 साल कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ ही कोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
बता दें कि इस मामले में अजमेर के सिविल लाइन्स थाने में 31 जून 2001 को मुकदमा दर्ज हुआ था। 22 साल तक कोर्ट में सुनवाई चली। जांच के दौरान पुलिस ने 30 गवाह बनाए थे। जिसमें मुख्य सचिव एवं तत्कालीन कलेक्टर उषा शर्मा का नाम भी शामिल था।
जानें पूरा मामला
30 जून 2001 को कलेक्ट्रेट परिसर में जिला सतर्कता एवं जन अभियोग निराकरण समिति की बैठक थी। इस मीटिंग में कांग्रेस के तत्कालीन विधायक बाबूलाल सिंगारिया समेत तमान अधिकारी और जन प्रतिनिधि मौजूद थे।
बैठक के दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आलोक त्रिपाठी और केकड़ी विधायक के बीच विवाद हो गया था। जिस पर सिंगारिया ने गुस्से में पुलिस अधीक्षक आलोक त्रिपाठी के थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद तत्कालीन एसपी आलोक त्रिपाठी ने बाबूलाल सिंगारिया के खिलाफ अजमेर के सिविल लाइन्स थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
ये खबरें भी जरूर पढ़ें
- फर्जी तरीके से जमीन नामांतरण का खेल, पूर्व मंत्री ने पटवारियों के कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल, जानिए क्या कहा?
- पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा में ‘संजू बाबा’: जमीन पर बैठकर ली चाय की चुस्की, कहा- मुझे अपने साथ ऊपर चलने कहेंगे तो…, मंत्री कैलाश और द ग्रेट खली भी हुए शामिल
- लखनऊ विवि और पुलिस ने निकाली पिंक स्कूटी रैली, महिला सुरक्षा का दिया संदेश
- Mahindra Bolero Neo+: बड़ी फैमिली के लिए बजट में एक भरोसेमंद और किफायती SUV, जानें इसकी कीमत और खासियतें
- CM हेल्पलाइन के शिकायत का निपटारा करने में हरदा अव्वल, मुख्य सचिव ने की कलेक्टर की तारीफ