रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल गुरूवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में किसानों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा की है. इस फैसले से पूरे प्रदेश के किसानों में सर्वत्र खुशी की लहर दौड़ गई है.
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बीते चार वर्षों में लिए गए दर्जनों किसान हितैषी फैसलों की बदौलत राज्य में लगातार तेजी से खेती-किसानी में सकारात्मक बदलाव आ रहा है. राज्य के किसान आधुनिक खेती की ओर भी तेजी से बढ़ने लगे हैं. राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली 9 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी से किसान पहले की तुलना में काफी मजबूत हुए हैं. खेती-किसानी में किसानों की रूचि बढ़ी है. पहले से खेती छोड़ चुके किसान अब फिर से खेती-किसानी की ओर लौटने लगे हैं.
बेमेतरा जिले के साजा विकासखण्ड के ग्राम मुंगलाटोला के किसान संतोष वर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस फैसले से आने वाले समय में प्रदेश के किसान और अधिक खुशहाल बनेंगे. जब किसान खुशहाल होंगे तो प्रदेश के बाजार में पैसा आएगा और व्यापार-व्यवसाय भी बढ़ेगा. ग्राम लोधी खपरी के किसान थानसिंह लोधी ने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय से निश्चित रूप से किसानों के जेब में अधिक पैसा आयेेगा और वें आर्थिक रूप से सबल बनेंगे.
जशपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत आरा के किसान आशुतोष प्रसाद साय, छत्रपाल सिंह एवं ख्रिश्त जुवेल बड़ा ने इसे किसान हितैषी फैसला कहा है. किसान आशुतोष प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार वास्तव में किसान हितैषी सरकार है. कर्ज माफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बैंक खाते में राशि भुगतान करने से किसान मजबूत हुए हैं.
जिला मुख्यालय से दूरस्थ सूरजपुर जिले के किसानों का मानना है कि राज्य में खेती-किसानी को लगातार मिल रहे प्रोत्साहन और उन्नत खेती के कारण धान की पैदावार लगातार बढ़ रही है. धान बेचने के लिए पहले 15 क्विंटल प्रति एकड़ की लिमिट तय थी इसलिए पैदा की गई अतिरिक्त फसल को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता था.
अब इस सीमा को 20 क्विंटल प्रति एकड़ कर देने से किसान अधिक धान समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे. जिले की रामानुजनगर सोसाइटी में आए मदनेश्वरपुर के किसान हरिप्रसाद और रामानुजनगर के शंकर प्रसाद ने बताया कि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन करने में आसानी होगी.
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की सीमा बढ़ाये जाने पर गरियाबंद जिले के किसानों के चेहरे खिल गए है. किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा है कि इस ऐतिहासिक निर्णय से किसानों को ज्यादा मात्रा में धान बेचने का अवसर मिलेगा. ग्राम टेका के किसान भावसिंह साहू, ढालूराम, बलदाऊ साहू ने कहा कि उनके पास करीब 6 एकड़ जमीन है, जिसमें वे खेती करते है. पहले वे 90 क्विंटल धान बेचते थे, लेकिन अब वे 120 क्विंटल धान हर साल बेंच सकेंगे.
महासमुंद जिले के ग्राम परसठी की महिला किसान छईया बाई साहू ने कहा कि 50-51 क्विंटल धान होता है. 15 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से पूरा धान नहीं बेच पाते थे. बाकि धान कोचिया को कम दाम में बेचते थे, लेकिन सरकार के निर्णय से अब पूरा धान समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे.
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