Bel Ka Sharbat : धीरे-धीरे गर्मी अपने शबाब पर आने लगी है. गर्मी के बढ़ते ही सड़कों पर गन्ने और बेल (Bel) के जूस वाले ठेले भी नजर आने लगे हैं. गन्ने का जूस आजकल 12 महीने मिल जाता है, लेकिन बेल ऐसा फल है, जो गर्मियों में ही मिलता है. यह फल ऊपर से कठोर और अंदर से नरम रहता है. बेल को खाया तो जाता ही है और इसका शरबत भी बनाया जाता है. गर्मियों में अगर रोज एक गिलास बेल का शरबत पीया जाए, तो कई फायदे होते हैं. बेल के शरबत का सेवन तो वैसे सभी लोग कर सकते हैं. खास कर 30 साल से कम उम्र वाले लोग, जो कुछ भी आसानी से पचा लेते हैं. लेकिन डायबिटीज के मरीजों को रोज सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि, वो बेल खा सकते हैं. लेकिन शरबत में मीठे का इस्तेमाल किया जाता है, जो उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
बेल का शरबत (Bel Ka Sharbat) पीते वक्त दो बातों का ध्यान रखा चाहिए. पहला ये कि बेल को छांव में रखें. दूसरी ये कि शरबत में चीनी का इस्तेमाल न करें. अक्सर बाजार में मिलने वाले बेल के शरबत में चीनी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. चीनी के जगह आप गुड़ या खांडसारी (खांड) का इस्तेमाल कर सकते हैं. बेल के शरबत की तासीर ठंडी होती ही है. गर्मियों में इसके सेवन से शरीर हाइड्रेट रहता है और पेट ठंडा रहता है. इसका सीधा फायदा कब्ज के रोगियों को मिलता है.
खाली पेट बेल का शरबत पीने के फायदे
हृदय रोग में लाभदायक दिल की बीमारी में बेल बहुत उपयोगी है.
गैस्ट्रो सुरक्षा के गुण.
कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण वैसे तो कई तरह के जूस के फायदे बहुत हैं, मगर बेल के जूस की बात ही अलग है.
खून साफ करता है.
दस्त और डायरिया में राहत.
एंटीमाइक्रोबाइयल गुण.
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण.
कब्ज से छुटकारा.
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