बेंगलुरु। कर्नाटक की भाजपा सरकार ने अन्य पिछड़े समुदायों (ओबीसी) की सूची से मुसलमानों को हटाकर उन्हें ईडब्ल्यूएस के कोटे में समायोजित करने की घोषणा की है. इस 4 प्रतिशत आरक्षण को 2-2 प्रतिशत के हिसाब से लिंगायत और वोक्कालिगा जाति को बांट दिया गया है.

कर्नाटक विधानसभा के लिए मई महीने में चुनाव होने वाला है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने ताल ठोकनी शुरू कर दी है. पांच दिन पहले कर्नाटक में प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कई वादे किए थे, इसमें एससी के रिजर्वेशन को 15 से बढ़ाकर 17% करने और एसटी रिजर्वेशन को 3 से बढ़ाकर 7% करने का एलान शामिल था.

इसे भोथरा बनाने के लिए भाजपा सरकार ने ताजा घोषणा की है. कर्नाटक में मुसलमान पहले 2बी कैटेगरी के तहत आते थे. सीएम बोम्मई ने बताया कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार, मुसलमान अब ईडब्ल्यूएस कोटे में चले जाएंगे. केंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक, संविधान में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.

कर्नाटक में आयोजित चुनाव रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी.

कर्नाटक में अब 56 प्रतिशत आरक्षण

कर्नाटक में नए संशोधन के बाद आरक्षण का दायरा बढ़कर 56% हो गया है. इसमें अनुसूचित जाति के लिए 17%, अनुसूचित जनजाति के लिए 7% और अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए 32% आरक्षण की व्यवस्था की गई है.

कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की पहली सूची

कांग्रेस ने शनिवार को 224 सीटों वाले कर्नाटक विधानसभा के लिए 124 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. उम्मीदवारों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक का भी है. पार्टी ने उन्हें चितापुर से चुनाव में उतारने का ऐलान किया है.

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