जम्मू के त्रिकूट पर्वत पर एक भव्य गुफा में प्राकृतिक रूप से तीन पिण्डी बनी हुई है. जिसे लोग माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) धाम नाम से जानते हैं. यह पिण्डी देवी सरस्वती, लक्ष्मी और काली की है. माता वैष्णो की यहां कोई पिण्डी नहीं है. माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) यहां अदृशय रूप में मौजूद हैं, फिर भी यह स्थान वैष्णो देवी तीर्थ कहलता है.
माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) का यहां नहीं होने का कारण यह है कि माता यहां अदृश्य रूप में उस वचन के पूरा होने का इंतजार कर रही हैं, जो भगवान श्री राम ने लंका से लौटते समय देवी त्रिकूटा को दिया था. इस संदर्भ में कथा है कि धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु के अंश से एक कन्या का जन्म दक्षिण भारत में रामेश्वरम तट पर पण्डित रत्नाकर के घर हुआ था. Read More – नागपुर में पहली बार लगेगा Bowling Camp, राजस्थान रॉयल्स के पूर्व तेज गेंदबाज खिलाड़ियों को सिखाएंगे गुर …
9 वर्ष की उम्र में जब इन्हें पता चला कि भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया, तब देवी त्रिकूटा ने राम को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी. सीता हरण के बाद भगवान राम जब सीता को ढूंढते हुए रामेश्वरम तट पर पहुंचे. तो यहां राम और त्रिकूटा की पहली मुलाकात हुई थी. देवी त्रिकूटा ने राम को पति रूप में प्राप्त करने की इच्छा प्रकट की.
भगवान राम ने देवी त्रिकूटा से कहा कि मैंने इस अवतार में एक पत्नी व्रत रहने का वचन लिया है. मेरा विवाह सीता से हो चुका है इसलिए मैं आपसे विवाह नहीं कर सकता है. देवी त्रिकूटा ने जब बहुत अनुनय विनय किया तब श्री राम ने कहा कि लंका से लौटते समय, मैं आपके पास आऊंगा अगर आप मुझे पहचान लेंगी तो मैं आपसे विवाह कर लूंगा.
श्री राम ने अपने वचन का पालन किया और लंका से लौटते समय देवी त्रिकूटा के पास आए, लेकिन भगवान राम की माया के कारण देवी त्रिकूटा उन्हें पहचान नहीं सकी. त्रिकूटा के दुःख को दूर करने के लिए श्री राम ने कहा कि देवी आप त्रिकूट पर्वत पर एक दिव्य गुफा है. उस गुफा में तीनों महाशक्तियां महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली पिण्डी रूप में विराजमान हैं. Read more – Pradeep Sarkar Passed Away : 68 साल की उम्र में परिणीता के डायरेक्टर का निधन, सेलेब्स ने दी श्रद्धांजलि …
आप उसी गुफा में जाकर मेरी प्रतिक्षा कीजिए. कलयुग में जब मेरा अवतार होगा तब मैं आकर आपसे विवाह करुंगा. तब तक महावीर हनुमान आपकी सेवा में रहेंगे और धर्म की रक्षा में आपकी सहायता करेंगे. धर्म का पालन करने वाले भक्तों की आप मनोकामना पूरी कीजिए. भगवान राम के आदेश के अनुसार आज भी वैष्णो (Vaishno Devi) माता उनकी प्रतिक्षा कर रही हैं और अपने दरबार में आने वाले भक्त के दुःख दूर कर उनकी झोली भर रही हैं.
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