मथुरा. उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह मामले में शाही मस्जिद ईदगाह की पहले सर्वे कराने के प्रार्थनापत्र को निरस्त कर दिया है. यह मांग श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने की थी.

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अपर सत्र न्यायाधीश अभिषेक पाण्डे की अदालत ने शनिवार को बचाव पक्ष की दलीलों एवं उनके द्वारा प्रस्तुत की गई उच्चतम न्यायालय की एक नजीर को अधिक महत्व देते हुए यह निर्णय लिया है.

श्रीकृष्ण विराजमान के वादी दिल्ली निवासी जय भगवान गोयल एवं तीन अन्य ने शाही मस्जिद ईदगाह के पहले सर्वे की गुहार लगायी थी. इस विवाद में आगे की सुनवाई लोअर कोर्ट में चलती रहेगी.

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शनिवार को कोर्ट ने कहा कि पहले सिविल कोर्ट में इस दावे पर 7 रूल 11 के तहत सुनवाई होगी, ताकि यह साफ हो जाए कि यह दावा चलने योग्य है अथवा नहीं. यह मांग मुस्लिम पक्ष की ओर से की गई है.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराकर शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में दावा दाखिल किया था. मामले में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, शाही ईदगाह कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को इस में प्रतिवादी बनाया था.

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