शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आज धरने पर बैठे है। भोपाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी ने ANM की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में विसंगति से नाराज होकर स्वास्थ्य मंत्री के घर के बाहर धरना दिया और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। वहीं इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को एएनएम की भर्ती परीक्षा के नियमों में अविलंब संशोधन जारी करना चाहिए। भर्ती परीक्षा का जो विज्ञापन जारी किया है उसके कारण मध्य प्रदेश की 7000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी एएनएम बहनों का भविष्य दांव पर है। वे अपनी न्यायपूर्ण मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी यह वही एएनएम बहने हैं जिन्हें आपने कोरोना योद्धा बताया था। यह संविदा स्वास्थ्य एएनएम बहनें पिछले 10 से 15 वर्ष से मध्य प्रदेश की जन स्वास्थ्य व्यवस्था का अभिन्न अंग है। एक तरफा भर्ती नियमों के कारण इनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
मेरी, छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों से इस संबंध में मुलाकात हुई थी और वे न्यायालय की शरण में गई थी। इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देश पर छिंदवाड़ा की एएनएम बहनों को परीक्षा की अनुमति दी गई है। सरकार न्यायालय के इस आदेश को प्रदेश की सभी एएनएम बहनों पर लागू करते हुए भर्ती विज्ञापन में संशोधन करे ताकि सभी एएनएम बहनों को नियमित पदों में परीक्षा देने का मौका मिल सके।
बता दें कि मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों से एएनएम के संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बेठै हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी संविलियन की मांग और ग्रुप पांच के तहत होने वाली एएनएम भर्तियों में उनकी उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं। जिसके अनुसार जो भर्ती के लिए नए नियम बनाए गए वे सही नहीं है।
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