संतोष गुप्ता, जशपुर. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत केन्द्र सरकार से मिलने वाले पैसो का विभाग के कर्मचारियों द्वारा बंदरबाट किया जा रहा है. विभाग के डॉक्टर और कर्मचारी मिली भगत कर चिरायु योजना में लगने वाले वाहन के लिए टेंडर निकालने की खानापूर्ति करते हुए अपने ही विभाग के डॉक्टर और कर्मचारियों को ठेका दे दिया जाता है. जो सीधे तौर पर कर्मचारी को लाभ पहुंचाने की श्रेणी में आता है.
ऐसा ही एक मामला जशपुर में भी देखने को मिला. जहां जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोदाम में वित्तीय वर्ष 2018-2019 के लिये वाहन का टेंडर कर लिया गया है, जबकि जिले के अन्य सात सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिये पिछले माह मई में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में टेंडर खोला गया. जिले के लोदाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वित्तीय वर्ष 2018-2019 के लिये किये गये टेंडर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोदाम में ही पदस्थ डाक्टर, डाॅ. कमल सिदार की गाड़ी को चिरायु दल के लिये चयनित किया गया है. इस तरह से स्वास्थ्य विभाग अपने ही लोगों को लाभ पहुंचाकर इस योजना की इती श्री करने में लगे हुआ हैं.
लोदाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में योजना के प्रारंभ से ही भ्रष्टाचार किया किये जाने के आरोप लगते रहे है. अगस्त 2014 से मार्च 2018 तक लोदाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ फार्मासिस्ट एन.के.माहेश्वरी के वाहन को चिरायु दल के लिये उपयोग किया गया. लगभग चार साल तक लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ फार्मासिस्ट एन. के माहेश्वरी को लाभ पहुंचाया गया। यही नहीं भ्रष्टचार का खेल मनोरा सामुदायकि स्वास्थ्य केन्द्र में भी खेला गया है. यहां भी पिछले चार वर्षो से स्वास्थ्य विभाग के ही एक कर्मचारी का वाहन चिरायु दल के लिये लगाया गया है. बता दें कि जिले के कुनकुरी, दुलदुला, फरसाबहार, बगीचा, कांसाबेल, मनोरा एवं पत्थलगांव के लिये जिला स्तर पर एक साथ टेण्डर निकाला गया था. लेकिन जिले के लोदाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए अलग से टेण्डर निकालकर उसी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डाक्टर के वाहन को चिरायु के लिए हायर किया गया है.
सूत्रो की मानें तो पिछले चार वर्षो से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जमकर पैसो का बंदरबाट किया गया है. जिसमें जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पदस्थ डीपीएम की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
लोदाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ खंड चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 आशुतोष तिर्की ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अगस्त 2014 से संचालित है. जिसके बाद 15 अगस्त 2014 से 31 मार्च 2018 तक लगातार चार वित्तीय वर्ष में चिरायु वाहन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ फार्मासिस्ट एन.के.माहेश्वरी का वाहन लिया गया था. वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये भी लोदाम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही पदस्थ डाॅ0 कमल सिदार के वाहन को हायर किया गया है. इन्हें हर माह किराये के रूप में 29 हजार रूपये दिया जायेगा.
गौरतलब है कि यह योजना जिले में 15 अगस्त 2014 से संचालित हो रही है. योजना के तहत जिले के सभी आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दो-दो की संख्या में चिरायु वाहन चलाई जा रही है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य परिक्षण के लिए इसी वाहन का उपयोग स्वास्थ्य टीम द्वारा किया जाता है.