शिवम मिश्रा, रायपुर. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का मुद्दा गरमाता जा रहा है. पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर है. शराबबंदी कमेटी के दौरे पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए है, जिसका जवाब कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने दिया है, लेकिन सवाल वही है कि क्या वादे की मुताबिक शराबबंदी होगी.

छत्तीसगढ़ में साल 2018 का विधानसभा चुनाव धान और शराबबंदी पर लड़ा गया. उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था. चुनाव होने के बाद शराबबंदी सियासत का बड़ा विषय बना रहा, लेकिन चुनाव के ठीक पहले शराबबंदी का मुद्दा एक बार फिर गर्म होते हुए दिख रहा है. मुद्दा गर्म इसलिए है क्योंकि विपक्ष ने शराबबंदी पर बनी कमेटी पर ही तंज कस दिया है. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने शराबबंदी की कमेटी को मनोरंजन कमेटी करार दिया है. वहीं शराबबंदी कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने कहा, शराबबंदी होगी या नहीं, यह भविष्य के गर्त में है.

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा, साल 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने शराबबंदी के लिए एक कमेटी का गठन किया, जिसका अध्यक्ष कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा को बनाया गया. इस कमेटी में बीजेपी के विधायकों को भी शामिल किया गया. शराबबंदी कमेटी की कई बैठके भी हुई. इस कमेटी ने उन राज्यों का दौरा भी किया, जहां शराबबंदी हो चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में शराबबंदी पर अभी भी प्रश्नवाचक निशान ही बाकी है. हालांकि भाजपा के सवाल का पलटवार जरूर किया जा रहा है और भाजपा को घेरा भी जा रहा है.

इस मामले में शराबबंदी कमेटी के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ में शराब पर सियासत कोई नई बात नहीं है. शराब बंदी पर आए दिन विपक्ष सवाल उठाता रहा है, जिस पर सत्ता पक्ष पलटवार करता रहा है. राजनीतिक लड़ाई के बीच प्रदेश में शराबबंदी होगी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सकता है. शराबबंदी होगी या नहीं, यह भी भविष्य के गर्त में है.