नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत की अदालत से मिली दो साल की सजा के बाद संसद सदस्यता जाने पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया था. इस बयान पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने धन्यवाद देकर एक बार फिर कांग्रेस के लिए मुसीबत पैदा कर दी है. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के साथ-साथ भाजपा नेता अमित मालवीय और कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता तहशीम पूनावाला ने खूब खरी-खरी सुनाई है.

दरअसल, जर्मन विदेश मंत्रालय ने राहुल गांधी के खिलाफ चल रही कार्यवाही को लेकर बयान दिया था. इस पर गुरुवार को कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर राहुल गांधी की सांसदी जाने पर बात करने के लिए धन्यवाद दिया. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा कि, ‘धन्यवाद जर्मनी विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर @rbsw इस बात पर ध्यान देने के लिए कि भारत में किस तरह लोकतंत्र का उत्पीड़न किया जा रहा है.’

कानून मंत्री ने जताई आपत्ति

दिग्विजय सिंह के इस बयान पर कानून मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई. रिजिजू ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद. उन्होंने आगे लिखा कि ध्यान रहे भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती है. भारत अब विदेशी प्रभाव को और बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा

वहीं भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दिग्विजय सिंह के बयान पर कहा कि यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने विदेशी हस्तक्षेप की मांग की है. कांग्रेस को यह महसूस करना चाहिए कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया या अदालतों द्वारा दिए गए फैसलों में विदेशी शक्तियों से हस्तक्षेप की मांग करना उसकी संप्रभुता को कमजोर करने के समान है.

धन्यवाद देना हास्यास्पद

केवल भाजपा नेता ही नहीं कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता तहशीम पूनावाला ने भी इस बयान पर आपत्ति जताते हुए ट्विट किया कि एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता को भारतीय राजनीति पर बयान देने के लिए जर्मन विदेश मंत्रालय को धन्यवाद देने की जरूरत नहीं थी. इससे गलत संकेत जाता है, और फिर कांग्रेस को आश्चर्य होता है कि क्यों भारत के डिफ़ॉल्ट राष्ट्रवादी संगठन होने की स्थिति खो दी है! बेशक जिस तरह से हम दूसरे देशों को देखते हैं, उसी तरह वे भी भारत में क्या हो रहा है, इस पर नजर रखेंगे. लेकिन उनका शुक्रिया अदा करना हास्यास्पद है! राहुल गांधी एक देशभक्त हैं, जो कानूनी और राजनीतिक रूप से भारत के भीतर राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे और विजयी होंगे.

जर्मन विदेश मंत्रालय का बयान

राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने को लेकर जर्मनी विदेश मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से एक बयान जारी किया है. इसमें जर्मन विदेश मंत्रालय की एक महिला अधिकारी ने कहा कि हमने भारतीय विपक्षी राजनेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रथम दृष्टया के फैसले के साथ-साथ उनके संसदीय जनादेश के निलंबन पर ध्यान दिया है. हमारी जानकारी के अनुसार, मिस्टर गांधी फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं. तब यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह फैसला कायम रहेगा या उनके जनादेश के निलंबन का कोई आधार है, हम उम्मीद करते हैं कि न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही के लिए समान रूप से लागू होंगे.

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