Ram Navami 2023 : सूरत (Surat) के भेस्तान स्थित लुहार फलिया में 222 तोले सोने की स्याही से लिखे गए रामायण (Ramayana) को रामनवमी के दिन भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया. वर्ष 1981 में राम भक्त रामभाई गोकर्णभाई ने रामायण लिखी थी. 19 किलो की इस रामायण में 530 पन्ना रत्न, 10 किलो चांदी और 4 हजार से अधिक हीरों का उपयोग किया गया है. इसकी कीमत करोड़ों में है. भक्त इसके दर्शन साल में सिर्फ तीन बार गुरु पूर्णिमा, रामनवमी और दीपावली के दूसरे दिन यानी नववर्ष पर ही कर सकते हैं.
530 पन्ने की रामायण को लिखने में 222 तोला सोने की स्याही का प्रयोग किया था, और इतना ही नहीं 10 किलो चांदी, चार हजार हीरा के साथ माणिक और पन्ना जैसे रत्नों को प्रयोग में लाया है. किताब में जो जिल्द चढ़ाई गई है वो 5 किलो की चांदी की है. इसमें हीरे का प्रयोग अक्षरों को शाइनिंग देने के लिए किया गया है. इसी को प्रदर्शित करने के लिए सोने की स्याही से यह रामायण लिखी गई. Read More – गर्मी में स्किन को ठंडक देकर फ्रेश रखता है पुदीना, ये 6 फैसपैक आपकी स्किन को रखेंगे हाइड्रेट और Pimple Free …
विश्व की यह पहली रामायण है जिसे लिखने में पूरी तरह से हीरे, माणिक, पन्ना और नीलम का प्रयोग किया गया है. अगर इस किताब की कीमत को आंका जाए तो करोड़ो में आएगी. रामायण के मेन पेज पर एक तोले चांदी की शिव प्रतिमा, आधा तोले की हनुमान और आधे तोले की गणेश प्रतिमा उत्कीर्ण की गई है. Read More – Summer Special Recipe : गर्मी में खाएं ठंडा-ठंडा ककड़ी का रायता, Body की Dehydration से रखता है दूर …
इस रामायण के कागज जर्मनी से मंगवाए गए थे. इस कागज की खासियत यह है कि इसे धोने के बाद इसपर दोबारा लिखा जा सकता है. यह कागज की सफेदी की बात करें तो अगर इसे धुले हुए हाथों से छुआ जाए तो इसमें दाग पड़ जाते हैं. 30 मार्च को श्रीराम जी के जन्मदिन के अवसर पर सोने से लिखी गई इस रामायण की पूजा की.
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