Jaipur Serial Blast Case: जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को भले ही हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। मगर अब इस फैसले को गहलोत सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। बता दें इस मामले में राजस्थान की सरकार सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दायर करने जा रही है।

बता दें इस मामले में बीजेपी ने गहलोत सरकार को कमजोर पैरवी करने का जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा है कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर बीजेपी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। विशेष न्यायालय के फैसले को हाईकोर्ट ने रद्द किया है, मगर सरकार के पास अब भी सुप्रीम कोर्ट का विकल्प है। इस मामले में सरकार विधिक राय ले रही है। उन्होंने साफ कहा है कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सरकार को जहां तक भी जाना पड़े सरकार जाएगी। जोशी ने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि जब बम ब्लास्ट हुए थे उस समय बीजेपी की सरकार थी उन्होंने क्या किया ?

आपको बता दें कि 13 मई 2008 राजधानी जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 71 से ज्यादा मासूम लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक घायल हुए थे। जिसके बाद पुलिस ने सलमान, मोहम्मद सैफ, शाहबाज हुसैन, सैफुर्रहमान और सरवर आजमी को गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने 18 दिसंबर, 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी कर अन्य चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। विशेष न्यायालय के फैसले को आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने फांसी के आदेश को रद्द करते हुए आरोपियों को बरी कर दिया।

जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद से बीजेपी कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार पर कमजोर पैरवी के आरोप लगाए हैं।

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