रायपुर- मंत्री की कथित सेक्स सीडी कांड मामले में सीबीआई पूछताछ में घिरे रिंकू खनूजा की मौत का मामला सवालों के घेरे में फंसता चला जा रहा है. फाॅरेंसिक एक्सपर्ट सुनंदा ढेंगे को साथ लेकर घटनास्थल का दौरा करने के बाद पीसीसी चीफ भूपेश बघेल तमाम दिग्गज नेताओं के साथ खनूजा के घर पहुंचे, जहां परिजनों से विभिन्न पहलूओं पर चर्चा की. देर शाम मीडियो को बुलाकर बघेल ने सीबीआई, पुलिस और सरकार की भूमिका पर कई संगीन आरोप लगाए.
भूपेश बघेल ने कहा कि फाॅरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी में हुई इस पड़ताल में प्रांरभिक तौर पर यही नतीजा निकलकर सामने आ रहा है कि रिंकू खनूजा ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि यह हत्या है. बघेल ने कहा कि रिंकू की मौत के बाद से उनके परिजन डरे हुए हैं. परिजनों ने सीबीआई और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की बात कही है.
बघेल ने कहा कि रिंकू खनूजा की पत्नी ने बताया कि एक जून से लेकर तीन जून तक सीबीआई ने पूछताछ के लिए रिंकू को बुलाया था. 4 जून को भी सुबह रिंकू सीबीआई द्वारा बुलाए जाने की बात कहकर घर से निकला. दोपहर ढाई बजे तक वापस नहीं लौटने पर जब सीबीआई के अधिकारियों को लैंडलाइन पर फोन किया, तो बताया गया कि रिंकू रायपुर में ही है और सुरक्षित है. सीबीआई ने कहा कि हमारे आदमी उसे लेने गए हैं.
भूपेश बघेल ने कहा कि रिंकू की पत्नी ने बताया कि देर शाम तक रिंकू के नहीं लौटने पर जब पुलिस लाइन स्थित सीबीआई के कैंप कार्यालय पहुंची, तो वहां उपस्थित अधिकारियों ने कहा कि रिंकू वहां नही आया. बघेल ने बताया कि रिंकू का कहना है कि जब-जब सीबीआई अधिकारियों का फोन आता, रिंकू चौंक जाता था, डर से सहम जाता था. पत्नी ने कहा कि- मेरे पति यदि इस तरह काम करते तो हमारा परिवार फ्लैट में नहीं रह रहा होता. सीबीआई जब-जब बुलाती थी, यदि रिंकू को पहुंचने में थोड़ी भी देर हो जाए, तो खुद लेने पहुंच जाती थी,लेकिन घटना के दिन सीबीआई नहीं आई.
भूपेश का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले से जुडे सभी साक्ष्य मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. न तो घटनास्थल को सील किया, न फोरेंसिक टीम लेकर गई और न ही कोई सुबूत उठाया. बघेल ने कहा कि पुलिस ने जिस ढंग से काम किया है, उससे तो यही लगता है कि पुलिस ने साठगांठ कर लिया है. बघेल ने कहा कि मृतक के परिजनों को इंसाफ मिलनी चाहिए और इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए.