नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार ने अब अफसर बनने के लिए चयन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. यूपीएएसी की सिविल परीक्षा पास किए बिना ही अब आप बड़े अफसर बन सकते है. केंद्र सरकार ने लैटरल एंट्री के जरिए इस योजना को नया रूप दिया है. इसके तहत अब प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले सीनियर अधिकारी भी नौकशाही का हिस्सा बन सकते हैं. यह भर्ती संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी परीक्षा से इतर होगी और इसमें संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. प्रयोग के तौर पर फिलहाल दस पदों पर भर्ती की जाएगी.
3 साल का होगा कार्यकाल
केंद्र सरकार के नियुक्ति और प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि भारत सरकार प्रतिभाशाली लोगों की सेवाएं संयुक्त सचिव स्तर पर लेकर उन्हें राष्ट्र निर्माण से जोड़ने की इच्छुक है. यह नियुक्ति शुरुआत में तीन साल के लिए होगी. अगर प्रदर्शन अच्छा देखा गया तो इसे पांच साल के लिए बढ़ाया जाएगा. ये लोक विभाग के सचिव और अतिरिक्त सचिव के मातहत कार्य करेंगे, जो आमतौर पर आइएएस, आइपीएस, आइएफएस और अन्य अधीनस्थ सेवाओं के होते हैं. वैसे केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी इन्हीं सेवाओं से आते हैं. इनकी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा त्रिस्तरीय परीक्षा के जरिये की जाती है.
ये योग्यता होगी तभी मिलेगी नौकरी
निजी क्षेत्र के जिन विशेषज्ञों को सरकारी सेवा के लिए आमंत्रित किया गया है उनकी एक जुलाई, 2018 को न्यूनतम 40 वर्ष की आयु होनी चाहिए. किसी संस्था से ग्रेजुएट होने चाहिए. अतिरिक्त योग्यता वाले आवेदनकर्ता को अतिरिक्त लाभ मिलेगा. इन पदों के लिए राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी भी आवेदन कर सकते हैं. चयन योग्यतानुसार किया जाएगा.
इतना होगा वेतन
इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों में कार्यरत लोग भी आवेदन कर सकते हैं. उनके लिए 15 साल का अनुभव आवश्यक होगा. इनकी सैलरी केंद्र सरकार के अंतर्गत ज्वॉइंट सेक्रेटरी लेवल की होगी. इन्हें 1 लाख 44 हजार 200 रुपये से लेकर 2 लाख 18 हजार 200 रुपये के रेंज तक सैलरी मिल सकती है. इसके साथ ही इन्हें सर्विस रूल की तरह काम करना होगा और दूसरी सुविधाएं भी उसी तरह मिलेंगी.
इन पदों के लिए 30 जुलाई तक आवेदन किए जा सकते हैं. ज्वॉइंट सेक्रेटरी के पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया में कोई लिखित परीक्षा नहीं है. शॉर्टलिस्टेड कैंडिडेट्स का बस इंटरव्यू होगा. कैबिनेट सेक्रटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमिटी सभी कैंडिडेट्स का इंटरव्यू लेगी.