Mutual Fund Tax Rules: वित्त विधेयक 2023 के लोकसभा में पास होते ही निवेश से जुड़े कई टैक्स नियम भी बदल गए हैं। जानकारी के मुताबिक वित्त विधेयक को 64 संशोधनों के साथ पारित किया गया है, जिसमें डेट म्यूचुअल फंड और एंजल निवेश जैसे निवेश से जुड़े नियम शामिल हैं. नए टैक्स नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो गए हैं। आइए जानते हैं कि इन नए नियमों का निवेश पर क्या असर पड़ने वाला है।
एंजेल टैक्स में बदलाव
1 अप्रैल से एंजेल टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है, जिससे विदेशी निवेशकों को एंजेल टैक्स के दायरे में लाया जाएगा. 2022 में भारत के स्टार्टअप्स के 33 प्रतिशत गिरकर 24 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद के साथ, स्टार्ट-अप्स को प्रत्यक्ष विदेशी फंडिंग के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। इसे केंद्रीय बजट 2023 में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था।
बता दें कि एंजल निवेशक हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल होते हैं जो अपनी निजी आय को बिजनेस, स्टार्ट-अप्स या छोटी और मध्यम स्तर की कंपनियों में निवेश करते हैं और इस पर लगने वाले टैक्स को एंजल टैक्स कहा जाता है।
क्रेडिट कार्ड से भुगतान
विदेशी यात्राओं के लिए सभी क्रेडिट कार्ड भुगतान अब उदारीकृत प्रेषण योजना के अंतर्गत आते हैं। इसके तहत विदेशी दौरों के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्रोत पर कर संग्रह से घटाया जाएगा।
ऋण म्युचुअल फंड
डेट म्यूचुअल फंड्स को 1 अप्रैल से शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के तौर पर क्लासिफाई किया जाएगा।
पहले इसे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन माना जाता था। हालांकि, सभी डेट फंड इस श्रेणी में नहीं आते हैं।
इक्विटी में 35 फीसदी से कम निवेश करने वाले फंड को इसमें रखा जाता है।
दूसरी ओर, यदि इन फंडों को तीन साल से अधिक समय तक रखा जाता है
इस पर बिना इंडेक्सेशन के 10 फीसदी या इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है।
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