Punjab News: पठानकोट. पठानकोट सिविल एयरपोर्ट से दिल्ली जाने वाली इकलौती फ्लाइट को 1 मार्च 2022 से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था. लेकिन अब पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर जानकारी सांझा करने से पठानकोट के लोगों की उम्मीद जगी है.
उड़ानों के अभाव में लंबे समय से वीरान पड़े पठानकोट एयरपोर्ट के एक बार फिर गुलजार होने की उम्मीद बंधी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी शेयर की है. इसमें उन्होंने कहा कि पठानकोट में बुनियादी ढांचे से लैस आधुनिक एयरपोर्ट को शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इससे हिमाचल के लोगों का जीवन भी आसान होगा.
इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री विक्रमादित्य सिंधिया के साथ हुए पत्राचार की जानकारी दी. वहीं, विक्रमादित्य सिंधिया द्वारा भेजे पत्र को भी शेयर किया, जिसमें विक्रमादित्य सिंधिया लिख रहे हैं कि इस ओर जल्द ही ध्यान दिया जाएगा.
कई बार बंद हो चुकी फ्लाइट
पठानकोट एयरपोर्ट का उद्घाटन 21 नवंबर 2006 में हुआ था. 37 करोड़ से बने एयरपोर्ट से एयर डेक्कन ने फ्लाइट शुरू की और ढाई साल बाद इसे बंद कर दिया गया. उसके बाद 2010 में एयर इंडिया ने उड़ानें शुरू कीं और कम यात्रियों का हवाला देकर 2011 में फ्लाइट बंद कर दी. उसके 7 साल बाद 2018 में दोबारा फ्लाइट एलायंस एयर ने शुरू की.
फरवरी 2022 तक 4 साल में कभी कोरोना तो कभी ओमिक्रॉम के कारण 2 बार उड़ानों का संचालन बंद हुआ. इसके बाद 1 मार्च 2022 को इकलौती उड़ान अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गई. बता दें, अब एयरपोर्ट वीरान हो चुका है. एयरपोर्ट अथारिटी के 4 कर्मचारी यहां तैनात रहते हैं और पुलिस के 19 जवान सुरक्षा में तैनात हैं.
पठानकोट के व्यापार को लगेंगे पंख
पठानकोट के सिविल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने के बाद से पठानकोट के व्यापार को फायदा मिल रहा था. शहर के व्यापारी ज्यादातर दिल्ली से ही माल खरीदते थे. ऐसे में व्यापारी और छात्र वर्ग को फ्लाइट बंद होने से नुकसान हो रहा है. पठानकोट आर्मी एरिया होने, पंजाब, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार होने के कारण भी लोगों को पठानकोट सिविल एयरपोर्ट का काफी फायदा मिल सकेगा. जिला व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत गुप्ता ने कहा कि कंपनी की ओर से इस तरह अचानक पठानकोट-दिल्ली की सेवा बंद कर दिए जाने से पठानकोट के पर्यटन और व्यापार पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. केंद्र व राज्य सरकार को तुरंत इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ताकि सप्ताह के तीन दिन चलने वाली यह सेवा को दोबारा शुरू किया जा सके.