नई दिल्ली . भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की पहली बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. अभी भी रेपो रेट की दर 6.50% ही रहेगी. इससे आपके होम और कार लोन की EMI नहीं बढ़ेगी, क्योंकि बैंक अब ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं करेंगे. बता दें कि बैठक से पहले ये अनुमान लगाया जा रहा था कि RBI 0.25% रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. आरबीआई के इस ऐलान से बाजार में तेजी देखने को मिल रही है.
उनका कहना है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहेगी. पहली तिमाही में यह 5.1 प्रतिशत पर होगी. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति में नरमी आएगी. मुद्रास्फीति पर अंकुश के प्रयास जारी रहेंगे.
नए वित्त वर्ष में RBI की एमपीसी की ये पहली बैठक थी, जो 3 अप्रैल 2023 को शुरू हुई थी और इसमें जनता को गुड न्यूज मिली है. दरअसल, देश में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी पर रही थी. ये आकंड़ा महंगाई दर को 2-6 फीसदी के तय दायरे में रखने के आरबीआई के लक्ष्य से ज्यादा है, इस वजह से भी रेपो रेट में एक और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही थी.
आर्थिक वृद्धि को लेकर आरबीआई का अनुमान
शक्तिकांत दास ने कहा है कि आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रह सकती है. आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.1 फीसदी और तीसरी तिमाही में 5.9 फीसदी रह सकती है.
रेपो रेट क्या है ?
रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर को रेपो रेट कहते हैं. बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रदान करता है. रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक लोगों को कम ब्याज दर पर लोन देगा और अगर यह बढ़ती है तो बैंक अपने लोन महंगा कर देता है और लोगों की ईएमआई भी बढ़ जाती है, या कहें तो लोन महंगे हो जाते हैं.