आज के समय में खाने के लिए लोगों के बीच पिज़्ज़ा, बर्गर जैसे कई सारे चीज आ गए हैं. लेकिन इन सबके बीच भी समोसे (Samosa) की दीवानगी कम नहीं हुई है. अधिकतर लोग समोसे खाना खूब पसंद करते हैं. इस महंगाई के जमाने में एक पीस समोसा होटल और बाजारों में 10 से लेकर 30 रुपये में मिलते हैं. लेकिन महंगाई के दौर में देश के झारखण्ड की राजधानी रांची के धुर्वा में एक ऐसी दुकान है, जहां एक रुपये में समोसा मिलता है.

यहां समोसे (Samosa) 22 साल से मिलते हैं. इसे मिनी समोसा कहा जाता है वो भी इसलिए क्योंकि इसका आकार सामान्य समोसे से थोड़ा छोटा होता है. यहां समोसा खाने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो जाती है.

22 साल से एक रुपये में बिक रहे समोसे

इस समोसे के दुकानदार का कहना है कि मैं पिछले 22 साल से यह दुकान चला रहा हूं क्योंकि मैं कहीं काम नहीं कर सकता. बाहर काम करना मुश्किल था. इसलिए उन्होंने शुरुआत से ही अपने बिजनेस पर फोकस किया. वह बचपन से ही अच्छे समोसे बनाते थे इसलिए उन्होंने इसे बिजनेस बना लिया. 22 साल पहले भी वह 1 रुपये में समोसे बेचा करते थे. लेकिन आज भी महंगाई के दौर में उन्होंने समोसे की कीमत नहीं बढ़ाई है लेकिन उसका आकार थोड़ा छोटा कर दिया है.

हजारों रुपये के रोज बेचते हैं समोसे

दुकानदार अरुण ने बताया कि बचपन से ही मुझे आवाजें बहुत तेज सुनाई देती थी इसलिए मुझे पढ़ाई और स्कूल में काफी परेशानी होती थी. मेरी इस समस्या और मेरी दुकान का भी मजाक बनाया गया. यहां तक ​​कि दोस्तों ने भी मेरा मजाक उड़ाया लेकिन मैंने कभी हिम्मत नहीं हारी. 20 साल की उम्र से समोसा बेचना शुरू किया. समोसे के साथ-साथ वे पकौड़े और चाय भी बेचते हैं. 10 रुपये में 10 पकोड़े और एक कप चाय के 3 रुपये. लोग सोचते हैं कि सस्ता बेचने से नुकसान होता है, लेकिन अगर आप इससे ज्यादा खरीदते हैं तो आपको ज्यादा फायदा होता है.

समोसे का स्वाद लेने लगी रहती है भीड़

दुकान में ग्राहकों की जबरदस्त भीड़ लगी रहती है, जो लोग यहां आते हैं वो अरुण के समोसे जरूर खाते हैं और उनके स्वाद को कई सालों से एक ही सा महसूस कर रहे हैं. आप भी रांची में रहते हैं या कभी रांची जाएं तो धुर्वा डैम के बिल्कुल बगल में अरुण की समोसे की दुकान है . वहां पर इनके छोटे-छोटे समोसों का लुत्फ उठा सकते हैं. इस जगह पर पहुंचने के लिए आप गूगल मैप की मदद भी ले सकते हैं.