राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा ने हाईटेक तरीके से मिशन-2023 की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने पन्ना समिति बनाई। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संगठन एप से जोड़ा गया है। संगठन ऐप में कार्यकर्ताओं के वोटर आईडी नंबर को जोड़ा जा रहा है। जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। साथ ही निर्वाचन आयोग में इसकी शिकायत करने की बात कही है।
कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने कहा कि बीजेपी मतदाताओं का वोटर आईडी कैप्चर कर रही है। पन्ना समिति के नाम पर लोगों से वोटर आईडी नंबर लिया जा रहा है। बीजेपी सरकारी संस्था नहीं है, वो अपने ऐप में वोटर आईडी लोड नहीं कर सकती है। अगर किसी की सरकारी नौकरी लगी तो उसका क्या होगा ? साथ ही डाटा लीक होने से लोग साइबर क्राइम का शिकार भी हो सकते हैं। बीजेपी के पास डाटा लीक होने से बचाव के क्या उपाय हैं? कांग्रेस प्रवक्ता बुंदेला ने कहा, हम इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग में करेंगे।
बीजेपी का पलटवार
इधर, बीजेपी प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि इपिक नंबर से आसानी होती है। कार्यकर्ता का मोबाइल नंबर बदल सकता है। लेकिन इपिक नंबर नहीं बदल सकता। डिजिटलीकरण के तहत यूनिक नंबर लिया जा रहा है।
चुनाव या दूसरे कार्यक्रमों में इससे पार्टी को आसानी रहेगी। बता दें कि बीजेपी संगठन एप में कार्यकर्ताओं के वोटर आईडी नंबर दर्ज किए जा रहे हैं।
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