जशपुर. छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्य में लापरवाही बरतने वाले चार अधिकारियों की ढिलाई को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया है. तीन जनपद सीईओ व एक विकासखंड शिक्षा अधिकारी को जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र यादव ने शोकाज नोटिस जारी किया है.
बता दें कि कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ जीतेंद्र यादव ने तीन जनपद सीईओ तुलसी दास मरकाम सीईओ पत्थलगांव, लोकहित भगत सीईओ जशपुर, बगीचा जनपद सीईओ और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बगीचा अजय कुमार सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के घोषणा अनुसार 1 अप्रैल 2023 से छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 किया जा रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर, अटल नगर के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के लिए मार्गदर्शिका एवं निर्देश जारी किया गया है. इसके परिपालन में आपके जनपद पंचायत क्षेत्र में 1 अप्रैल 2023 से सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ किया गया है.
विकासखड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिन्हा ने ग्राम पंचायत मैनी जनपद पंचायत बगीचा में सर्वेक्षण के लिए प्रगणक दल का गठन किया गया है, किंतु आपके द्वारा प्रगणक दल का सही चयन नहीं करने से ग्राम पंचायत मैनी का कार्य प्रभावित हो रहा है. शासन के मंशा अनुसार प्रगति नहीं हो पा रही है.
जनपद पंचायत जशपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लोकहित भगत को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि आपके जनपद पंचायत क्षेत्र में सर्वेक्षण का कार्य 30 अप्रैल 2023 तक पूर्ण करना है. पत्थलगांव जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी तुलसीदास मरकाम को नोटिस जारी कर कहा गया है कि 10 दिवस व्यतीत होने के उपरांत भी आपके जनपद पंचायत क्षेत्र का प्रगति लक्ष्य के विरूद्ध 23.66 प्रतिशत पूरा हुआ है. जनपद पंचायत बगीचा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद सिंह को कारण बताओं नोटिस जारी कर कहा गया है कि 10 दिवस व्यतीत होने केे उपरांत आपके जनपद पंचायत क्षेत्र का प्रगति लक्ष्य के विरूद्ध 23.50 प्रतिशत पूरा हुआ है.
नोटिस में कहा गया है कि सर्वेक्षण कार्य में रुचि नहीं लिया जा रहा है. उपरोक्त कृत्य पदीय दायित्व के प्रति लापरवाही बरतने के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों, निर्देशों की अवहेलना है. साथ ही छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियमों के विपरीत होने से कदाचरण की श्रेणी में आता है. इस संबंध में 03 दिवस के अंदर कार्य की प्रगति के साथ मेरे समक्ष में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें. समयावधि में समाधानकारक जवाब प्राप्त नहीं होने पर एकपक्षीय निर्णय लिया जाएगा, जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे.
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