नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं. जहां 3 प्रमुख दलों से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिना गया है, वहीं आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है. चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (TMC), कम्यूनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया है.
ऐसे में यह जानना काफी रोचक हो जाता है कि आखिर इन पार्टियों का यह दर्जा क्यों छिना है.
कोई पार्टी राष्ट्रीय पार्टी कैसे बनती है?
ऐसे कई नियम हैं जो किसी पार्टी को राज्य की पार्टी और अंततः एक राष्ट्रीय पार्टी बना सकते हैं. एक राजनीतिक दल को एक राष्ट्रीय दल के रूप में मानने के लिए सबसे आसान नियमों में से एक चार या उससे अधिक राज्यों में एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त करना है. यदि किसी पार्टी को चार से कम राज्यों में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में माना जाता है, तो यह एक ‘राज्य पार्टी’ है.
चार राज्यों में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त करने के अलावा, राजनीतिक दल राष्ट्रीय दल बन सकते हैं यदि उन्हें पिछले लोकसभा चुनावों में चार सीटों के साथ-साथ पिछले विधानसभा चुनावों में किन्हीं चार राज्यों में छह प्रतिशत वोट मिले हों. या कम से कम तीन राज्यों से चुने गए सांसदों के साथ पिछले आम चुनाव में सभी लोकसभा सीटों का 2 प्रतिशत प्राप्त हो.
राष्ट्रीय पार्टी होने के फायदे
चुनाव आयोग के आदेश के बाद देश में राष्ट्रीय पार्टी की संख्या अब 6 हो गई है. AAP, बहुजन समाज पार्टी (BSP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) और नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP).
किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने पर कई फायदे होते हैं. पहला फायदा तो उसका स्टेटस बदलने का ही है. फिर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होने के बाद उस दल को एक रिजर्व्ड चुनाव चिह्न मिल जाता है. निर्वाचन आयोग से ऐसे राजनीतिक दलों को कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएं मिल जाते हैं. जैसे, निर्वाचन सूची मुफ्त प्राप्त करने की सुविधा मिल जाती है. चुनाव के कुछ समय पहले इन दलों को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविजन और रेडियो प्रसारण के लिए समय दिए जाने की अनुमति भी मिलती है. इसका फायदा वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में कर सकते हैं.
कई दलों से क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा छिना
चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (RLD) से क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा छीना गया है. TMC को पहली बार सितंबर 2016 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था. लेकिन अब ये दर्जा छिनने के बाद अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में उसने क्षेत्रीय दल का स्टेटस भी खो दिया है. टीएमसी त्रिपुरा में क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर बनी रहेगी.
इसके अलावा आंध्र प्रदेश में केसीआर की भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने भी क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया है. वहीं मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी अब क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर नहीं मानी जाएगी.