बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हाईमास्ट लाइट खरीदी में घोटाला का मामला सामने आया है. आरोप है कि भंडार क्रय नियम का पालन नहीं हुआ है. युवा आयोग के पूर्व सदस्य और कांग्रेस से निष्कासित अजय सिंह ने दस्तावेज दिखाकर विधायक पर लाखों रुपये गबन करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं दस्तावेज भी दिखाए हैं और चुनौती दी है.

अजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भ्रष्टाचार में सीधे विधायक विक्रम मंडावी को शामिल बताया है. दस्तावेजों के बूते अजय ने विधायक को कठघरे में खड़े कर दिया है. उन्होंने कहा कि भैरमगढ़ नगर पंचायत अंतर्गत मिनी स्टेडियम में हाईमास्ट लाइट के लिए डीएमएफ से लगभग 62 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी, लेकिन हाईमास्ट की खरीदी में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम का रत्तीभर पालन नहीं किया गया.

अजय सिंह ने आरोप लगाया कि खरीदी के लिए कई फर्मों से कोटेशन मंगवाए जाने थे. यहां ऐसा नहीं हुआ. वहीं नगर पंचायत क्षेत्र होने के बाबजूद कार्य एजेंसी नगर पंचायत को ना बनाते हुए जनपद भैरमगढ़ को बनाया गया.

इसके साथ ही अजय ने आरोप लगाया कि तमाम नियमों को ताक पर रखने के अलावा प्रत्येक हाईमास्ट लाइट की खरीदी भी दोगुने दर पर की गई. करीब साढ़े पन्द्रह लाख रुपये की दर से एक-एक हाईमास्ट खरीदे गए, जबकि इनकी कीमत अमूमन साढ़े 6 लाख रुपये के करीब है.

भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे अजय ने विधायक विक्रम को खुली चुनौती देते कहा कि अगर उनके आरोपों को विधायक झूठा साबित कर देते हैं तो वे उनसे सार्वजनिक माफी मांगने को तैयार हैं.

अजय का यह भी कहना था कि इस सम्बंध में जब उनके फोन पर भैरमगढ़ जनपद सीईओ से चर्चा हुई तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की, लेकिन आदेश प्रति का जिक्र होते सीईओ भी चौक गए. अजय ने कहा कि जिले में खेल सुविधाओं के विकास का वे भी स्वागत करते हैं, लेकिन इस आड़ में लाखों रुपए का भष्टाचार को वे कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते.

उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक के भष्टाचार, कमीशनखोरी के चलते जिलेभर में कांग्रेस की छबि धूमिल हो रही है. उन्होंने इन आरोपों को लगाने के बाद ये भी आशंका व्यक्त की कि इसका खामियाजा पार्टी को कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतान पड़ सकता है.

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