जशपुर। वन मंडल सागौन और साल के जंगलों में हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई के साथ वन विभाग की कथित कड़ी कार्रवाई (ड्राइवर सजा दे रहा है) का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. बावजूद इसके पत्थलगांव, कुनकुरी और जिला मुख्यालय के जंगलों में दिनदहाड़े पेड़ों की अवैध कटाई की सूचना के बाद भी हरियाली को नष्ट करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है. वन अमला चुप्पी साधे बैठा है.

पत्थलगांव के सागौन जंगल में दिनदहाड़े सैकड़ों कीमती पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में ग्रामीणों ने सबसे पहले वन अधिकारी को सूचना दी थी, लेकिन काफी देर बाद भी कोई वन अमला नहीं पहुंचा. लोगों को पुलिस की मदद लेनी पड़ी थी. ऐसे मामलों के बाद भी वन अधिकारी को मौन साधे हुए हैं.

जशपुर जिले में वन प्रेमियों का व्हाट्सएप ग्रुप में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कहा गया है कि वैसे तो जशपुर वनमंडल में अधिकारी और कर्मचारियों की लम्बी फौज है, लेकिन जंगलों की रखवाली का महत्वपूर्ण काम वन विभाग के वाहन चालकों के जिम्मे सौंप दिया गया है. इस वीडियो में जंगल से हरेभरे पेड़ काटने वालों को सजा देते हुए दिखाया गया है.

वनों का सरंक्षण के काम में जुटे प्रमुख पर्यावरणविद रामप्रकाश पांडेय ने वन अधिकारियों की लापरवाही पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि इन दिनों गर्मी का मौसम में सूखे पत्तों की आग और वन माफिया से जंगलों को दोहरा नुकसान हो रहा है. इसके बाद भी वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की चुप्पी चिंता का विषय है.

इस मामले में जब वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो से संपर्क किया गया, तो रेंज ऑफिसर से लेकर वन मंडलाधिकारी ने फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझा. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग वनों की सुरक्षा को लेकर कितना सजग है.

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